रमाकांत बरनवाल
सुलतानपुर, नवसत्ता :-संत तुलसीदास पीजी कालेज में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन पूर्व कुलपति प्रो गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा किभारत केवल भूखंड मात्र नहीं बल्कि एक दर्शन , दृष्टि और विचार है । भारत शास्त्रार्थ और संवाद की भूमि है। प्राचीन भारत अधिकार प्रधान नहीं कर्तव्य प्रधान समाज था । यदि हिन्दुत्व जीवनशैली शिक्षा के साथ जुड़ जाय तो भारत विश्व में अग्रणी हो जायेगा। संत तुलसीदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय कादीपुर में हिन्दुत्व और मानववाद विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि हिन्दुत्व मानवता की श्रेष्ठ औषधि है। विश्वकल्याण का रास्ता हिन्दू संस्कृति से ही निकलता है। मानवता हिंदुत्व की पूंजी है ।
हनुमन्निवास सिद्धपीठ अयोध्या के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि हिन्दू होने का अर्थ है मानव होना । हिन्दुत्ववाद ही मानववाद है।
विशिष्ट अतिथि एम एस विश्वविद्यालय बड़ौदा के प्रोफेसर कनुभाई निनामा ने कहा अपनी कमियों को दूर करते हुए कर्म करना ही श्रेष्ठ है। सोशल मीडिया के कारण आज ग्रंथ अध्ययन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। हमें इस पर विचार करना होगा।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में जीवविज्ञान प्रोफेसर विनय कुमार सिंह ने कहा कि वेद उपनिषद पुराण आदि ग्रंथों के रहने के बाद भी हम आज अगर पीछे हैं तो इसका कारण है गौसेवा न करना । गौसेवा करते रहने से हिन्दुत्व और मानवता दोनों ही सध जायेगी। अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर जीतेन्द्र तिवारी तथा आभार ज्ञापन प्राचार्य प्रोफेसर राम नयन सिंह व संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ सतीश कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह, प्रबंधक सौरभ त्रिपाठी समेत विभिन्न महाविद्यालयों से आये शिक्षक व शोधार्थी भी उपस्थित रहे व मंचस्थ अतिथियों ने संगोष्ठी की स्मारिका हिन्दूपथ का विमोचन करने के साथ आयोजकों ने अंगवस्त्र, स्मृतिचिन्ह आदि देकर अतिथियों को सम्मानित किया व परिसर में तकनीकी सत्र के साथ सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित हुआ