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महिला आरक्षण बिल पर राहुल गांधी ने कहा, जल्द लागु करे सरकार

नई दिल्ली (नवसत्ता ):- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल लागू किए जाने को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। राहुल ने आज कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा- केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल अभी से क्यों नहीं लागू करती है। इसमें जनगणना और परिसीमन जैसे नियम क्यों जोडे़ गए है। महिला आरक्षण अच्छा कदम है, लेकिन इसमें दो शर्तें लगाई गई हैं। इसे लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन कराना होगा। इन्हें करने में बहुत साल लगेंगे। महिला आरक्षण को आज से ही लागू किया जा सकता है। भाजपा को इन दोनों शर्तों को हटाकर आरक्षण को तुरंत लागू करना चाहिए।

आज से 10 साल बाद लागू होगा बिल : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा की ये कोई जटिल मामला नहीं है, लेकिन सरकार यह नहीं करना चाहती है। इसके साथ ही उन्होंने ने कहा की ये आज से 10 साल बाद लागू होगा। यह भी नहीं मालूम कि होगा या नहीं होगा। पीएम मोदी रोज ओबीसी के बारे में बात करते हैं लेकिन ओबीसी को महिला आरक्षण में शामिल क्यों नहीं किया गया ? कांग्रेस सत्ता में आने के बाद जातिगत जनगणना कराएगी। तब पता चलेगा कि देश में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं।

भाजपा नेता उमा भारती ने बताया है कि ओबीसीके सीनियर नेता 23 सितंबर को मीटिंग करेंगे। इसमें वे चर्चा करेंगे कि महिला आरक्षण में ओबीसी कोटा कैसे मिल सकता है। हालांकि, उमा भारती ने मीटिंग की जगह और समय नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि जिस ओबीसी आरक्षण की वजह से यह विधेयक 27 साल तक रुका रहा, उसके बिना ही यह पारित हो गया। हमारी पार्टी ने इसे जैसे भी पास किया वह स्वीकार है, लेकिन हम ओबीसी आरक्षण के लिए कोशिश करते रहेंगे। देश की 60% ओबीसी आबादी के लिए बिल में एक संशोधन और किया जा सकता है।

राहुल ने कहा- महिला आरक्षण एक डाइवर्जन टैक्टिक है। इसके जरिए ओबीसी जनगणना से लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है। मुझे पता लगाना है कि ओबीसी हिंदुस्तान में कितने हैं। जितने भी हैं, उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की- जातिगत जनगणना का हमने जो डेटा निकाला था उसे पब्लिक कर दें। इससे पता लग जाएगा कि ओबीसी कितने हैं। इसके बाद नई जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए।राहुल ने अफसोस जताया कि 2010 में UPA सरकार महिला आरक्षण के लिए जो बिल लाई थी, उसमें ओबीसी कोटा नहीं था। उन्होंने कहा कि ये तब हो जाना चाहिए था।

राहुल गांधी ने कहा- मैंने संसद में कैबिनेट सेक्रेटरी के बारे में सवाल पूछा था। मैंने पूछा कि देश के सबसे जरूरी 90 अफसरों में से सिर्फ 3 ओबीसी क्यों हैं? ओबीसी ऑफिसर देश के सिर्फ 5% बजट को कंट्रोल क्यों करते हैं। इस पर सरकार कहती हैं कि लोकसभा में ओबीसी का रिप्रजेंटेशन है। उन्होंने ओबीसी युवाओं से पूछा कि क्या आपको देश चलाने में भागीदारी मिलनी चाहिए।

अगर मिलनी चाहिए तो क्या आपकी आबादी सिर्फ 5% है। राहुल के सवाल पर अमित शाह ने जवाब दिया था। उन्होंने राहुल का नाम लिए बिना कहा कि देश को सरकार चलाती है, सचिव नहीं। कोई NGO चिट बनाकर दे देता है तो बोल देते हैं। उन्होंने बताया कि कुल भाजपा सांसदों में 85 ओबीसी से हैं। कुल भाजपा विधायकों में 27% ओबीसी से हैं। कुल भाजपा MLC में 40 ओबीसी हैं।

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