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महिला आरक्षणः मायावती ने कहा, महिलाओं को दिया जा रहा है प्रलोभन

लखनऊ,नवसत्ताः महिला आरक्षण विधेयक पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। बसपा प्रमुख ने कहा कि जनगणना कराने में समय लगेगा। उन्होंने दावा किया कि लागू होने में समय लगेगा। देश की भोली भाली महिलाओं को प्रलोभन दिया जा रहा है। मायावती ने कहा कि अभी आरक्षण लागू नहीं हो पायेगा। बसपा चीफ ने कहा कि सरकार इस विधेयक में से 2 प्रावधान को हटाये।

सरकार को ऐसे प्रावधान लाना चाहिये की जल्द आरक्षण लागू हो। उन्होंने कहा कि परिसीमन मे कई साल लग जाएगे। मायावती ने मांग की है कि ओबीसी महिला को अलग से आरक्षण मिलना चाहिये। बसपा चीफ ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और कांग्रेस आरक्षण नहीं देना चाहती है। पूर्व सीएम ने कहा कि यह बिल आंखों में धूल झोंकने जैसा है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए आरक्षण देने की नीयत नहीं है। उन्होंने कहा कि विधेयक में कई प्रावधान, जिससे 15-16 सालों तक महिलाओं को लाभ नहीं मिलेगा।

इससे पहले एक प्रेस वार्ता में मंगलवार को बसपा चीफ ने कहा कि नये संसद भवन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल लाया जा रहा है जिसके पक्ष में बी.एस.पी। को पूरी उम्मीद है कि इस बार यह महिला आरक्षण बिल जरूर पास हो जायेगा, जो कि यह अभी तक काफी लम्बे अरसे से लटका हुआ है। उन्होंने कहा था कि वैसे देश की महिलाओं को लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत देने की बजाय यदि उनकी आबादी को भी ध्यान में रखकर 50 प्रतिशत दिया जाता है तो इसका हमारी पार्टी पूरे तहेदिल से स्वागत करेगी, जिसके बारे में भी सरकार को जरूर सोच-विचार करना चाहिए।

भाजपा सरकार ने महाझूठ से शुरु की पारीः अखिलेश
महिला आरक्षण के मामले पर अखिलेश ने भाजपा पर ट्वीट करके निशाना साधा, उन्होंने कहा कि नयी संसद के पहले दिन ही भाजपा सरकार ने ‘महाझूठ’ से अपनी पारी शुरू करी है। जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता, जिसमें कई साल लग जाएंगे, तो भाजपा सरकार को इस आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या ज़रूरत थी।

https://x.com/yadavakhilesh/status/1704349189038358868?s=20

भाजपा सरकार न जनगणना के पक्ष में है न जातिगत गणना के, इनके बिना तो महिला आरक्षण संभव ही नहीं है। ये आधा-अधूरा बिल ‘महिला आरक्षण’ जैसे गंभीर विषय का उपहास है, इसका जवाब महिलाएं आगामी चुनावों में भाजपा के विरूद्ध वोट डालकर देंगी।

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