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75 दिवसीय ‘अमृत डोज’ के लिए मिशन मोड में करें प्रयास: मुख्यमंत्री

  • जनप्रतिनिधिगण, शासकीय अधिकारी, कर्मचारी लगवाएं बूस्टर डोज, करें आमजन को प्रेरित
  • मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार के बारे में करें आमजन दें सही-समुचित जानकारी: मुख्यमंत्री
  • कोविड संक्रमण की रोकथाम, मंकीपॉक्स और अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने दिए दिशा-निर्देश

लखनऊ, नवसत्ता: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में मंकीपॉक्स तथा कोविड-19 प्रिकाशन डोज के संबंध में बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशन में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट और टीकाकरण की रणनीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पूरी तरह नियंत्रित है. 34 करोड़ से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही 15+ आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 98.78% से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है. 15-17 आयु वर्ग के 100.50% किशोरों और 12 से 14 आयु वर्ग के 99.9% से अधिक बच्चों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है. पात्र लोगों को टीके की दूसरी खुराक समय से दिया जाए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के नए चरण में टीके की ‘अमृत डोज’ (बूस्टर डोज) दी जा रही है. बूस्टर डोज निःशुल्क है. अब तक 55 लाख लोगों ने निःशुल्क बूस्टर डोज लगवा ली है. बूस्टर डोज के लिए तय 75 दिनों के लक्ष्य के सापेक्ष इसमें तेजी की अपेक्षा है. इसके लिए मिशन मोड़ में प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. यह सुनिश्चित कराएं कि प्रत्येक पात्र प्रदेशवासी को मुफ्त बूस्टर डोज जरूर लग जाए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंकीपॉक्स के संबंध में बैठक करते हुए

उन्होंने कहा कि सभी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी बूस्टर डोज लगवाएं. जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आम जन को जागरूक करें. बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केंद्रों के बारे में आमजन को सही जानकारी दी जाए. विविध मीडिया माध्यमों का सहयोग लिया जाना उचित होगा. पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकाधिक उपयोग करें.

विभिन्न राज्यों में कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है. विगत दिवस 0.7% पॉजिटिविटी दर दर्ज की गई. वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 2804 है. 2608 लोग होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. विगत 24 घंटों में 74 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 491 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई. इसी अवधि में 498 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए. बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, देश के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश में विशेष सावधानी बरती जाए. मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार और बचाव आदि के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आमजन को सही और समुचित जानकारी देते हुए जागरूक किया जाए. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति से परामर्श करें. कोविड अस्पतालों में न्यूनतम 10 बेड केवल मंकीपॉक्स से प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाएं.

बरसात के दिनों में प्रायः सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मरीजों के त्वरित उपचार की व्यवस्था हो. सीएचसी/पीएचसी पर एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता रहे.

लगभग दो वर्ष के अंतराल के बाद इस बार कांवड़ यात्रा हो रही है. बड़ी संख्या में लोग जलाभिषेक के लिए आवागमन कर रहे हैं. यह सुखद है कि कांवड़ यात्रा सुचारू रूप से चल रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कावंड़ यात्रा अब अंतिम चरण में है और अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं का जत्था निकलेगा. इसके दृष्टिगत सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं.

पलियाकलां क्षेत्र में शारदा नदी और बाराबंकी में सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यहां की स्थिति पर 24×7 नजर रखी जाए. आपदा स्थिति में आमजन की सुरक्षा, बचाव और राहत के लिए सभी प्रबंध कर लिए जाएं.

भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें. यहां से प्राप्त आकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए. भारत सरकार की एजेंसियों की मदद से आकाशीय बिजली के सटीक पूर्वानुमान की बेहतर प्रणाली के विकास के लिए प्रयास किया जाना चाहिए.

विगत कुछ दिनों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू संक्रमण से सुअर की मौत की घटनाएँ सामने आई हैं. संक्रमण का प्रसार न हो, इसके लिए कंटेनमेंट ज़ोन की व्यवस्था लागू की जाए. संक्रमित सूअरों की अंतिम क्रिया मेडिकल प्रोटोकॉल का साथ हो. यह नदियों/जलाशयों में कतई न बहाये जाएं. इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी करें.

सुअर पालन बहुत से लोगों के लिए आजीविका का माध्यम हैं. ऐसे में जिन सुअरपालकों के यहां अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से मौत की घटना हुई है, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार करें.

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