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चन्द्रयान मिशन की कामयाबी- इं मनोज तिवारी ने सुलतानपुर जनपद का बढ़ाया मान

रमाकांत बरनवाल

सुलतानपुर ,(नवसत्ता):– चंद्रयान- 3 मिशन में कामयाबी हासिल कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वैज्ञानिक जिन्होंने इमेजिंग कैमरा बनाने वाली टीम का नेतृत्व किया ऐसे कादीपुर तहसील के ग्राम सभा उनुरखा निवासी राजदेव तिवारी के इकलौते पुत्र मनोज तिवारी ने उनुरखा गांव का नाम तो रोशन किया ही साथ साथ तहसील व जनपद व प्रदेश का भी नाम रोशन किया।
शुद्ध रूप से भारत के कुशल वैज्ञानिकों द्वारा अहमदाबाद के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र सैक में विक्रम लैंडर व रोवर के इमेजिंग कैमरे का निर्माण मनोज तिवारी की देखरेख में सम्पन्न हुआ व 3900 किलो वजन का चन्द्रयान- 3 जो 384400 किमी का सफर तय कर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कर सफलता पूर्वक पहुंचाउसका श्रेय तहसील की धरती उनुरखा के लाल मनोज तिवारी को जाता है जो कैमरे के विकास सेंसर डेवेलपमेन्ट एरिया ( सीडा) टीम का नेतृत्व कर रहे थे व कैमरा निर्माण में उनकी प्रमुख भूमिका भी रही बुधवार को चांद कक्ष के दक्षिणी ध्रुव में स्थापित होने की सफलता व विश्व के देशों में भारत को प्रथम स्थान बनने पर अपनी टीम के साथ मनोज तिवारी केंद्र पर बैठ गर्व महसूस कर रहे थे।मनोज तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा उनुरखा के प्राथमिक विद्यालय व हाईस्कूल तक की शिक्षा उमरी इंटर कालेज तथा इन्टरमीडिएट वाराणसी जनपद के रामनगर से और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से एम एस सी जहां उन्होंने गोल्ड मेडल प्राप्त किया व आई आई टी दिल्ली से एम टेक करने के बाद मनोज एस जी स्पेस एप्लिकेशन्स सेन्टर अहमदाबाद में वैज्ञानिक बने जहां आज भी वे सेवा कार्य में हैं।

मनोज तिवारी का बेटा मनन तिवारी दिल्ली से बी टेक करने के बाद एम टेक की पढ़ाई करने अमेरिका में है तथा बेटी नाव्या तिवारी अहमदाबाद में ही हाईस्कूल में है जो अपने पिता के ही नक्शे-कदम पर चलना चाह रहे हैं।मनोज तिवारी के पिता चार भाई हैं जिसमें उनके पिता राजदेव तिवारी सहित दो भाई ही जीवित हैं और चारों का भरा-पूरा परिवार आज भी संयुक्त परिवार की भावना से एक साथ ही रहते हैं व इकलौते भाई मनोज की छ: बहनों जिसमें दो छोटी बहनें एक पूनम तिवारी उन्नाव इंटर कालेज में तथा दूसरी बबिता तिवारी लखनऊ प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण कार्य में हैं व परिवार में उनके चचेरे भाई गिरीश चन्द्र तिवारी कटघरा खुर्द कमरांवा के जूनियर हाईस्कूल तथा सतीश तिवारी गिधौना में जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं व परिवार में इंजीनियर व डाक्टर भी हैं व परिवार की एक बिटिया अदिति तिवारी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज झारखंड में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही है।

इस प्रकार देखा जाय तो मनोज तिवारी का पूरा परिवार गांव में रहते हुए भी शिक्षा को ही अपनी प्राथमिकता पर रखा है और आज उसका परिणाम सामने भी दिख रहा है कि इंजीनियर मनोज तिवारी के अथक परिश्रम ने पूरे विश्व में गांव जिले तथा पूरे परिवार का नाम रोशन किया है। चांद पर चन्द्रयान के सफलता पूर्वक पहुंचने पर इतिहास के पन्नों में मनोज तिवारी का भी नाम जुड़ गया।मनोज के इस योगदान की प्रशंसा ग्रामवासियों के साथ पूरे जनपद में हो रहा है तथा फेसबुक इन्स्टाग्राम आदि सोसल साइट्स पर उनके शुभचिंतकों द्वारा बधाइयों का दौर जारी है।

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