आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी पर्टियां कमर कसती नजर आ रही है जहां एक तरफ कुछ विपक्षी पार्टियां चुनाव को लेकर महाबैठक कर रही है तो दूसरी तरफ कुछ पार्टियां अपने प्रचार- प्रसार करने के लिए कई राज्यों का दौरा तो कई राज्यों में चुनावी रैलियां निकाल रही हैं। हर पार्टी आने वाले चुनाव को लेकर एड़ी- चोटी का जोर लगा रही हैं। इसी के साथ बीजेपी और संघ नेताओं के बीच लगातार मंथन जारी है।
बता दे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत अगले पांच दिन के यूपी प्रवास पर एक जुलाई को लखनऊ आ रहे है। वह एक जुलाई से पांच जुलाई तक यूपी में रहेंगे। मोहन भागवत अपने यूपी दौरे के दौरान बीजेपी के सीनियर नेताओं से आगामी चुनाव की रणनीतियों को लेकर मुलाकात करेंगे और संघ के पूर्वी यूपी (अवध, काशी, कानपुर बुंदेलखंड, गोरखपुर) की बैठक में भी शामिल होंगे।
दरअसल, संघ की कोशिश है कि दलित और घुमंतू जातियों के बीच सक्रियता बढ़ाई जाए। हर न्याय पंचायत तक शाखा विस्तार के काम की समीक्षा होगी। वहीं आशंका जताई जा रही है कि इस बीच मोहन भागवत अयोध्या के दौरे पर भी जा सकते हैं।
वहीं आगामी चुनावों को देखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का चुनावों से पहले यूपी दौरा काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि वह बीजेपी के वरिष्ठ नेता से मुलाकात भी कर सकते हैं, और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा भी की जा सकती। हालांकि यह दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस बैठक में अपेक्षित केंद्रों तक अपने विशेष कार्यकर्ताओं जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी जो शताब्दी वर्ष के अंतिम 2 वर्षों में संगठन के लिए काम करेंगे।
बता दे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2025 में अपने शताब्दी वर्ष तक पिछड़ों और दलितों को संघ से जोड़ने के लिए विशेष अभियान शुरू करेगा। इस अभियान के जरिए संघ दलितों और पिछड़ों से जुड़ेगा और उनकी समस्याओं को लेकर मुखर होगा। समाज के विभिन्न वर्गों में अपनी पैठ बढ़ाने का भी काम करेगा। यह कार्यकर्ता समाज के विभिन्न वर्गों से होंगे। संगठन इस समय पूरे देश में स्थानों पर मंडल स्तर पर शाखाएं संचालित करता है इस क्षमता को बढ़ाकर दोगुना करने की तैयारी भी की जा रही है।