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प्रदेश के किसानों ने फेरा राकेश टिकैत के मंसूबों पर पानी, धरना हुआ फ्लॉप

लखीमपुर खीरी में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन भारी विरोध के बाद पहले ही दिन सिमटा

धरने में नहीं जमा हो सकी भीड़, प्रदर्शन के दौरान ही किसानों ने राकेश टिकैत के खिलाफ ही खोला मोर्चा

लखनऊ,नवसत्ता: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने से लेकर उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उनकी नीतियों और योजनाओं का सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है. सरकार की संतुष्टि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखीमपुर खीरी की राजापुर मंडी में किसानों को बहकाने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत द्वारा बुलाए गए धरना प्रदर्शन को प्रदेश के किसानों ने ही फ्लॉप साबित कर दिया.

खुद को किसानों का नेता बताने वाले राकेश टिकैत प्रदेश के किसानों को भड़का कर अव्यवस्था फैलाने के उद्देश्य से लखीमपुर पहुंचे थे, लेकिन प्रदेश के किसानों ने उनके इस धरना प्रदर्शन में कोई रुचि नहीं दिखाई और नतीजा राकेश टिकैत को दो दिवसीय इस धरने को पहले ही दिन खत्म करना पड़ा.

टिकैत के खिलाफ लगे नारे

लखीमपुर खीरी में किसानों की मांगों को लेकर शुरू हुए राकेश टिकैत के दो दिवसीय धरना प्रदर्शन को तब झटका लगा जब वहां पहुंचे किसानों ने खुद इसका विरोध करना शुरू कर दिया. राकेश टिकैत ने किसानों की नाराजगी और आक्रोश को देखते हुए धरने को पहले दिन ही खत्म करने का ऐलान कर दिया. बताया जा रहा है कि राकेश टिकैत ने जिन किसान संगठनों को लेकर प्रदेश के किसानों को भड़काने की कोशिश की थी, वही उनके विरोध में खड़े हो गए और खुद को आंदोलन से अलग कर लिया. किसान संगठनों के दो फाड़ होने से राकेश टिकैत के मंसूबों पर पानी फिर गया.

देखते ही देखते सोशल मीडिया पर भी टिकैत का विरोध होने लगा. इतना ही नहीं, धरना स्थल पर टिकैत के खिलाफ किसानों ने नारेबाजी भी की जिसके चलते उन्हें वहां से लौटना पड़ा.

किसान मुख्यमंत्री योगी को मानते हैं अपना सच्चा हितैषी

टिकैत के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन यहीं नहीं थमा, इस विरोध में लखीमपुर खीरी के लोग भी उतर आए. धीरे-धीरे प्रदर्शन स्थल पर किसानों की भीड़ कम होने लगी. विरोध के दौरान टिकैत ने किसानों को काफी बरगलाने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने. समय-समय पर प्रदेश के किसानों को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले राकेश टिकैत की फूट डालने की नीति को प्रदेश के किसानों से मुंह की खानी पड़ी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों के हक में लिए गए निर्णय से प्रदेश के किसान यह अच्छी तरह से जान गए हैं कि सरकार ही उनकी सच्ची हितैषी है. मुख्यमंत्री योगी उन्हे समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं और इसका असर भी अब नजर आने लगा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का ही असर है कि खुद को किसानों का नेता कहने वाले राकेश टिकैत को किसानों ने अपना नेता मानने से सिरे से खारिज कर दिया है. यही वजह है कि टिकैत ने जिस दो दिवसीय प्रदर्शन का ऐलान किया था वह चंद घंटों में ही सिमट गया.

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