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स्टेशन पर समानांतर सरकार चला रहे रेल अधिकारी, पार्ट- 3

औचक चेकिंग में मिली खामियों पर पर्दा डालने के प्रयास जारी

मिर्जापुर, नवसत्ता: स्थानीय रेलवे स्टेशन पर तैनात अधिकारियों द्वारा समानांतर सरकार चलाते हुए निजी कमाई के चक्कर में रेलवे सहित आयकर, व्यापार कर तथा कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज विभाग को करापवंचन के रूप में बड़े पैमाने पर चूना लगाए जाने की लंबी फेहरिस्त है. हिंदी दैनिक नवसत्ता के विगत 30 अप्रैल के अंक में स्टेशन पर समानांतर सरकार चला रहे रेल अधिकारी नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशन के बाद खबर की सत्यता हेतु रेल अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण हेतु प्रयागराज मुख्यालय से भेजे गए सीएमआई की टीम द्वारा जांच के दौरान बड़े पैमाने पर खामियां पाए जाने पर पेनल्टी के रूप में लगभग 15 हजार रुपए जमा कराए गए.

सूत्रों की माने तो जांच अधिकारी द्वारा स्थानीय रेल अधिकारी को इस बात का खुला ऑफर किया गया है कि वे उनसे व्यक्तिगत संपर्क कर लें अन्यथा प्रतिकूल रिपोर्ट बनाकर भेज दिया जाएगा. बताया गया कि जांच अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि 1 दिन में माल भाड़े के रूप में रेलवे का 15 हजार रुपए का घोटाला पकड़ा गया तो पूरे वर्ष में यह धनराशि करोड़ों की होगी. यही वजह है कि जांच अधिकारी ने पूरे वित्तीय वर्ष के अंतर्गत आयातित/निर्यातित सामानों का रिकॉर्ड तलब किया है.

ज्ञातव्य है कि यहां रेलवे स्टेशन पर मौजूद पार्सल घर को चला रहे कुछ बाहरी व्यक्तियों द्वारा निर्यातित/आयातित सामानों को संबंधित व्यापारी के घर तक सुरक्षित पहुंचाने हेतु किए गए मौखिक अनुबंध के तहत व्यापारी से भारी भरकम धनराशि वसूलने के उपरांत लाखों रुपए मूल्य के सामानों को भेजने/मंगाने हेतु संबंधित व्यापारी की वास्तविक आईडी न लगाकर कंप्यूटर से तैयार किए गए फर्जी आईडी के माध्यम से सामानों की बुकिंग/डिलीवरी करा दी जाती है. इसके बदले मुंह बंद रखने हेतु ड्यूटी पर तैनात पार्सल अधिकारी को प्रत्येक नग के हिसाब से मोटी रकम दी जाती है. स्मरण रहे कि रेलवे के माध्यम से आयातित अथवा निर्यात किए जाने वाले अधिकांश सामान बिल्टी के बगैर ही केवल फर्जी आधार, फर्म का नाम अंकित कर बुक करा दिए जाते हैं। सूत्रों की माने तो विभिन्न विभागों के अफसरों के संज्ञान में इस फर्जीवाड़े की जानकारी होती है,

यही कारण है कि स्टेशन से बहुमूल्य सामानों को ई वे बिल के बगैर ही आयात निर्यात किए जाने के बारे में जानकारी दिए जाने के बावजूद स्थानीय कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज, व्यापार कर तथा आयकर विभाग के अधिकारी मौन साधे बैठे हैं. फिलहाल हेड क्वार्टर की चेकिंग के बाद अवैध ढंग से संचालित गतिविधियों पर इस प्रकार आंशिक अंकुश लगा है कि पहले जहां करोड़ों रुपए मूल्य के पीतल के सामानों, कॉस्मेटिक्स तथा रेडीमेड गारमेंट्स इत्यादि सामानों के आयात निर्यात किए जाते थे किंतु अब महज 10 से 12 बंडल ही मंगाए व भेजे जा रहे हैं. यद्यपि बरेली से आयातित कॉस्मेटिक व हावड़ा निर्यात किए जाने वाले पीतल के बर्तनों के वजन व मूल्य की घोषणा में अभी भी हाथ की सफाई जारी है.

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