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World Environment Day: देश में पांच तरीके से हो रहा मिट्टी का बचाव: पीएम मोदी

नई दिल्ली,नवसत्ता: पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिट्टी बचाओ आंदोलन के कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के महत्व बताए. पीएम मोदी ने बताया कैसे भारत मिट्टी बचाने के लिए 5 प्रमुख बिंदुओं को साथ लेकर चल रहा है.

पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं.
दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं.
तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं.
चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें.
पांचवा- वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोके

मिट्टी बचाओ आंदोलन के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन एक चुनौती है. पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है. इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया. उन्होंने कहा मुझे संतोष है कि देश में पिछले 8 साल से जो योजनाएं चल रही है, सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है.

भारत में माटी का सम्मान है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में माटी का सम्मान है. भारत आज बायो डायवरसिटी की जिन नीतियों पर चल रहा है उसने वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी की है. ईंधन में अतिरिक्त निर्भरता, किसानों की आय का हमारा प्रयास है, गोवर्धन योजना पर्यावरण हितैषी योजना है. इसके तहत गोबर और खेती निकलने वाले कचरे को एनर्जी में बदला जा रहा है। इससे बनने वाली जैविक खाद लोगों के काम आ रही है. पीएम ने कहा कि सरकार ने तय किया है गंगा के किनारे नेचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे.

आधुनिक देशों से पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है. विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन एमीशन उन्हीं के खाते में जाता है. उन्होंने कहा कार्बन एमीशन को कम करने के लिए पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा.

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