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अजब मिशन की गजब कहानी- ब्यूटी पार्लर और वेल्डिंग वाले कर रहे पानी की जांच का काम

प्रदेश की सभी गांव समितियों में होनी थी जल स्रोतों की जांच

2020-21 में सिर्फ 1416 गांवों तक ही हुए टेस्ट

हजारों किट की बर्बादी और लाखों टेस्ट न होने के बाद भी दोबारा जारी किए गए टेंडर

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ,नवसत्ता: जल जीवन मिशन में हो रहे गोलमाल को लेकर आज की स्टोरी को आप सिर्फ एक कहावत से ही समझ सकते हैं, जैसे बंदर के हाथ में उस्तरा लग जाए तो क्या होगा…..

 

जी हां कुछ ऐसा ही नजारा है हर घर को नल से जल पहुंचाने वाले मिशन जल जीवन का भी. लोगों को पानी मिलने में भले ही अभी साल दो साल लगें पर मिशन में पैसा पानी की तरह ही बहाया जा रहा है. ठेकेदारों और अफसरों की सांठगांठ से मिशन में पैसों की जमकर बंदरबांट बदस्तूर जारी है.

यही नहीं अब तो पानी को जांचने परखने वाली किट की खरीदारी और उसके इस्तेमाल में भी जमकर लूट खसोट का मामला सामने आया है. हैरत करने वाली बात तो ये है कि पानी की जांच का जिम्मा उन वेंडरों को दिया गया है जिनका मूल काम वेल्डिंग और ब्यूटी पार्लर चलाने का है.
जी हां जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम  पंचायतों में जल जांच के लिए फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराने का प्रावधान है. जिसके क्रम में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा एक टेंडर NIT NO.- 2823/JJM/FTK-WQ/VOL-2/2021-22 DATED 02/12/2021, प्रकाशित किया गया. यह निविदा अपने में बहुत ही रोचक और संदेहास्पद है. क्योंकि इस निविदा में मिशन ने 94497 गाड़ियां,  94497 कोआर्डिनेटर आदि को उपलब्ध कराने की मांग की है. उसके अतिरिक्त जल जांच किट को क्रय किया जाना है उसकी स्पेसिफिकेशन का कहीं भी निविदा में तस्करा या विवरण नहीं दिया गया है.
उक्त निविदा में 4 संस्थाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया. 1- ACTION FOR RURAL DEVELOPMENT , 2- DECKMART MEDIA, 3- M/S FALCON, 4- SARVAJANIK SHIKSHONNAYAN SANSTHAN द्वारा प्रतिभाग किया गया. जिसमें से सार्वजनिक शिक्षोनयन संस्थान को छोड़कर सभी तीन संस्थाओं को निविदा में सफल घोषित किया गया. जिसमें से डेकमार्ट मीडिया का जीएसटी रजिस्ट्रेशन एडवरटाइजिंग सर्विसेज और आर्टिकल ऑफ आयरन (स्टील) में है. दूसरी संस्था फेल्कॉन का जीएसटी रजिस्ट्रेशन ब्यूटी पार्लर चलाने का है. जबकि तीसरी एक स्वयंसेवी संस्था है.
आइये अब हम आपको ये भी बताते चलें कि उपरोक्त ब्यूटी पार्लर और वेल्डिंग का काम करने वाले लोगों को आखिर पानी की किस तरह की जांच करने का जिम्मा सौंपा जा रहा है. दरअसल इन संस्थाओं द्वारा प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में फील्ड टेस्ट किट को उपलब्ध कराया जाना है और लोगों को जल जांच का प्रशिक्षण भी दिया जाना है. जिसके लिए विभाग द्वारा 94497 गाड़ियां और इतने ही कोआर्डिनेटर को उपलब्ध कराने का प्रावधान रखा गया है. जिसके लिए निविदा में ईएसआई या कार्य करने का पूर्व का अनुभव नहीं मांगा गया. जबकि जल संबंधी प्रचार प्रसार का के कार्य करने के लिए उत्तर प्रदेश में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन ही अधिकृत है.
पूर्व में मिशन द्वारा राज्य स्तर पर प्रचार प्रसार के कार्य के लिए पांच संस्थाओं से ही कार्य कराया गया है. जबकि फेल्कॉन एवं डेकमार्ट मीडिया द्वारा मिशन को उपलब्ध कराये अपने दस्तावेजों में प्रचार प्रसार के कार्यों को अपनी बैलेंस शीट में एनआरडीडब्ल्यूपी – डब्ल्यूएसएसओ द्वारा धन उपलब्ध कराना दर्शाया गया है. जबकि इन दोनों संस्थाओं ने मिशन का कोई भी कार्य नहीं किया है. अपनी बैलेंस शीट में फेल्कॉन ने स्वयंसेवी संस्था विंग्स के द्वारा अपनी संस्था को कार्य सबलिट कराया है. जो कि मिशन के साथ किए एग्रीमेंट के क्लाज़ 3.4 का पूरी तरह से उल्लंघन है.
उपरोक्त निविदा में संस्थाओं द्वारा मिशन को गुमराह कर काम पाने के लिए जो गलत हथकंडे अपनाए गए और तमाम फर्जी कागजात द्वारा काम हथियाने की कोशिश की गई उन कागजों को जांचने परखने की कोई जहमत मिशन जल जीवन के अधिकारियों ने नहीं उठाई जो सीधे तौर पर एक बड़ी मिलीभगत और घोटाले की तरफ साफ इशारा करते हैं.  
उपरोक्त संस्थाओं में से एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट संस्था को तो 2020-21 में भी करीब 41 करोड़ का एफटीके (फील्ड टेस्ट किट) का काम दिया गया था जिसके लिए संस्था से 41 लाख की ईएमडी भी मांगी गई थी. अब नये टेंडर में 171 करोड़ का काम बांटा गया है लेकिन वेंडरों की अनुभवहीनता और पानी की जांच के काम को पहले कभी नही किए जाने की वजह से ये संदेह उत्पन्न होता है कि इस बार भी ना सिर्फ लाखों टेस्ट किट बर्बाद होंगी और न ही दिए गए लक्ष्य के अनुरूप जल स्रोतों की जांच संभव होगी.
इस बाबत जब मिशन की राज्य गुणवत्ता सलाहकार अनामिका श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने मीडिया से कोई बात करने से साफ मना कर दिया और मिशन के ईडी से बात करने को कहा, उधर ईडी अखंड प्रताप सिंह ने वर्चुअल मीटिंग में होने की बात कहकर फोन काट दिया.

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