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Russia-Ukraine conflict: युद्घ की आशंका के बीच पुतिन ने यूक्रेन को दो भागों में बांटा

मॉस्को/कीव,नवसत्ता: यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर अमेरिकी आशंका के बीच ब्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन को अलग देश के तौर पर मान्यता देने का ऐलान किया. एक देश का नाम लुहान्स्क पीपल रिपल्बिक और दूसरे का नाम डोनेस्क पीपुल रिपब्लिक है. दुनिया में दो नए देश बनने का ऐलान का राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने आधी रात को किया है, ये दोनों यूक्रेन के हिस्से हैं.

वहीं इस फैसले के बाद यूरोपीय यूनियन, नाटो और पश्चिमी दुनिया के तमाम देश रूस के खिलाफ खड़े हो गए हैं. इस बीच, आशंका यह भी जाहिर की जा रही है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस फैसले से केवल यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पश्चिमी देश समेत पूरी दुनिया में तनाव बढ़ सकता है.

पुतिन ने लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक औऱ डोनेस्क पीपुल्स रिपब्लिक के अलगाववादी नेताओं के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें ये समझौता हुआ है कि इन दो देशों पर अगर यूक्रेन हमला करता है तो रूस अपनी सेना भेजने के लिए स्वतंत्र हैं।. इसके बाद रूस ने अपनी शांति सेना लुहान्स्क और डोनेस्क में भेज दी है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस पर लगाया शांति वार्ता भंग करने का आरोप

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर शांति वार्ता को भंग करने का आरोप लगाया. मंगलवार की सुबह के शुरुआती घंटों में राष्ट्र के नाम एक संबोधन में किसी भी क्षेत्रीय रियायत को ख़ारिज कर दिया है.

अलगाववादी नेताओं की अपील पर रूस ने उठाया कदम

दरअसल पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है. इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें.

फ्रांस की मध्यस्थता पर पुतिन के साथ बैठक कर सकते हैं बाइडन

उधर, खबर यह भी है कि रूस अगर यूक्रेन पर हमला नहीं करे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक करने को तैयार हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मध्यस्थता से यह स्थिति बनी है. अमेरिका ने लगातार आगाह किया है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है और साथ ही रूस के ऐसा करने पर उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है. उधर, रूस ने यूक्रेन पर हमला करने के अमेरिकी दावों को खारिज किया है.

संयुक्त राष्ट्र संघ ने रूस को दी चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी रूस को चेतावनी दी है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने एकतरफा कार्रवाई को लेकर चेतावनी दी है जो यूक्रेन की संप्रभुता को कमजोर कर सकती है. दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने राष्ट्रीय सुरक्षा और डिफेंस काउंसिल की बैठक भी बुलाई है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी इस मसले को लेकर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है.

भारत ने यूएनएससी में की शांति और सुरक्षा की अपील

यूक्रेन मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में मंगलवार को भारत ने अपना पक्ष रखा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है.

इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा आवश्यक है. 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रहते और पढ़ते हैं. इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भारत के लोग रहते हैं. भारतीयों की भलाई हमारे लिए प्राथमिकता है.

उन्होंने कहा कि हम सभी पक्षों के लिए अत्यंत संयम बरतने और राजनयिक प्रयासों को तेज करने के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जल्द से जल्द एक पारस्परिक रूप से सौहार्दपूर्ण समाधान हो.

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