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डार्क जोन से प्रभावित प्रदेश के 25 विकास खंड आए बाहर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी ने रविवार ”डिजिटल भूजल रथ” को फ्लैग ऑफ किया
प्रदेश के 10 जनपदों के 26 विकासखंड के 550 ग्राम पंचायतों पहुंचेगा डिजिटल भूजल रथ

लखनऊ, नवसत्ता: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से 2021 के बीच यूपी में भूजल स्तर में बड़ा सुधार आया है. पहली बार यूपी में 35 जिलों में भूजल स्तर बढ़ा है. 82 विकास खंड जो डार्क जोन में थे, उनमें से 25 विकास खंड (अति दोहित) डार्क जोन से बाहर निकल चुके हैं.

भूजल संरक्षण की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और इसे जनआंदोलन बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को 5 कालीदास मार्ग से स्थित अपने सरकारी आवास से ”डिजिटल भूजल रथ” को फ्लैग ऑफ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भूजल जन जागरुकता के उद्देश्य 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. यह प्रदेश और देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सप्ताह है.

जल संरक्षण की परम्परागत पद्धतियों को कर रहे हैं पुनर्जीवित

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस आयोजन के पीछे जल संरक्षण की परम्परागत पद्धतियों को पुनर्जीवित करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस बारे में जागरुक करना है. उन्होंने कहा कि भूजल संरक्षण को लेकर जनजागरुकता लाने के लिए यह ‘डिजिटल भूजल’ रथ प्रदेश के 10 जनपदों के 26 विकासखंड के 550 ग्राम पंचायतों में पहुंचेगा.

भारत सरकार द्वारा चयनित हैं जनपद

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ये 10 जनपद भारत सरकार द्वारा चयनित वो जनपद हैं जहां भूगर्भीय जल की स्थिति किन्हीं कारणों से एक समय चिंता जनक हो गई थी. वहां पर आम जनमानस को जागरुक करने के लिए इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है. इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार जनपद हैं. मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर और शामली। वहीं बुंदलेखंड के 6 जनपद झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट हैं.

कैच द रेन अभियान को बढ़ा रहे हैं आगे

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘कैच द रेन’ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश ने भूगर्भ जल प्रबंधन एवं विनियमन अधिनियम 2019 प्रख्यापित किया है. उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में अमृत सरोवरों के निर्माण कराया जा रहा है. इसे सिर्फ 10 जनपदों तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। इसके अंतर्गत ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के लिए अलग-अलग मॉडल बनाए गए हैं. खासकर बरसात के पानी की एक-एक बूंद को संरक्षित करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग शुरू की गई है.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कल जिस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित किया है। उस एक्सप्रेसवे पर हमारी सरकार ने हर 500 मीटर की दूरी पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने पहले से ही यह तय किया है कि विकास प्राधिकरणों के द्वारा बनाए जा रहे शासकीय भवनों में अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था हो.

वर्षा जल संचयन के लिए बनाया मॉडल

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जल की एक-एक बूंद को संरक्षित करने के लिए हमने प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अलग-अलग मॉडल खड़े किए गए है. एक वाराणसी मॉडल है, जिसमें पुराने हैंडपंप जिन्हें बेकार मान लिया गया है था उन हैंडपंप की बोरिंग को भी हम लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरा चित्रकूट मॉडल है जिसके के तहत पानी चेक डैम बनाए गए हैं। जिन्हें जनवरी से लेकर जून तक डिसिल्टिंग किया जाता है, जिससे फिर से वहां पर जल भराव हो सके. उन्होंने कहा कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब ग्रामीण क्षेत्र में 75 तालाबों को अमृत सरोवर के तौर पर विकसित किया जा रहा है. नगरीय क्षेत्र को भी इसके साथ जोड़ने का कार्य हम कर रहे हैं। उसका परिणाम हम सबके सामने है.

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