2008 में 70 मिनट में 21 धमाकों से दहल गया था अहमदाबाद
अहमदाबाद,नवसत्ता: अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट मामले के 49 में से 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई. इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया.
मारे गए लोगों को एक लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
विशेष न्यायाधीश एआर पटेल ने फैसला सुनाते हुए विस्फोटों में मारे गए लोगों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. उन्होंने गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये और मामूली रूप से घायलों को 25,000 रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. बता दें कि 8 फरवरी को विशेष न्यायाधीश ने कुल 78 आरोपियों में से 49 को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न अपराधों के तहत दोषी घोषित किया था, जिसमें हत्या, देशद्रोह और राज्य के खिलाफ युद्ध छेडऩे के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के अपराध भी शामिल थे. एक दोषी को आर्म्स एक्ट के तहत अपराध का भी दोषी पाया गया है.
एक घंटे के अंदर 21 धमाके हुए
मालूम हो कि 26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद में सरकारी सिविल अस्पताल, अहमदाबाद नगर निगम द्वारा संचालित एलजी अस्पताल, बसों, खड़ी साइकिलों, कारों और अन्य स्थानों सहित विभिन्न स्थानों पर 22 बम विस्फोट हुए थे, जिसमें 56 लोग मारे गए थे जबकि 200 लोग घायल हुए थे. 24 बमों में से कलोल और नरोदा में विस्फोट नहीं हुए थे.
इस सीरियल ब्लास्ट मामले में 2 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन 30 जनवरी को ही स्पेशल कोर्ट के जज एआर पटले कोरोना संक्रमित हो गए और इस मामले पर फैसला 8 फरवरी तक टल गया. देश में इतने कम समय में इतने धमाके पहले कभी नहीं हुए थे. एक घंटे के अंदर अहमदाबाद में एक दो नहीं बल्कि पूरे 21 धमाके हुए. इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गईं.