रायबरेली,नवसत्ता: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (PRIYANKA GANDHI) रविवार को सांसद सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचीं. रिफॉर्म क्लब में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए PRIYANKA GANDHI ने कहा कि महिलाओं का हर जगह शोषण हो रहा है. इस वजह से मेरे मन में आया कि महिलाओं के लिए कुछ करना चाहिए.
बता दें कि रायबरेली के रिफार्म क्लब में आयोजित शक्ति संवाद में रुचि सिंह, अंजलि रावत, नूर, नेहा सिंह, गीता मिश्र, सरोज, हबीबा, सावित्री पासी ने महिलाओं के उत्पीडऩ का मुद्दा उठाया और प्रियंका जी (PRIYANKA GANDHI) को धन्यवाद दिया कि उन्होंने लड़की हूं लड़ सकती हूं जैसा सशक्त अभियान छेड़ा. संचालन कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिय श्रीनेत कर रही हैं.
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रियंका गांधी (PRIYANKA GANDHI) ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि इसके बाद से पार्टियां महिलाओं के लिए बात कर रही हैं. अगर देश की सारी महिलाएं एक जुट हो जाएं तो हम देश की राजनीति बदल देंगे. हमने अपना महिला घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें सिर्फ स्मार्टफोन और स्कूटी नहीं है. वह आपके स्वास्थ्य, शिक्षा, सेहत, अर्थव्यवस्था और आपके अधिकारों के बारे में है. मैं आपसे कहती हूं कि आप हमें शक्ति दीजिए, हम आपको शक्ति देंगे.
हर दुख का बोझ महिला को उठाना पड़ता है : PRIYANKA
प्रियंका गांधी (PRIYANKA GANDHI) ने कहा, मैं उन्नाव गयी थी जहां एक लड़की के साथ बलात्कार हुआ था. पिता ने पहले कुछ नहीं बोला. फिर कहा कि मेरी बेटी बेटों से बढ़कर थी. वह कहती थी कि अकेली ट्रेन में रायबरेली मुकदमा लड़ने आती थी. क्योंकि उन्नाव में एफआईआर दर्ज नहीं हुआ था. उसके बाद कई ऐसे हादसे हुए. हाथरस में एक लड़की बलात्कार हुआ. आधी रात में उसका अंतिम संस्कार किया गया. मां-बाप ने चेहरा भी नहीं देखा. पुलिस ने नहीं देखने दिया गया.
ललितपुर में किसानों ने आत्महत्या की. एक किसान की बेटी सविता बुरी तरह रो रही थी. सविता ने कहा कि मां अकेली पड़ जाएगी, उनकी देखभाल कौन करेगा. मेरे मन में आया कि महिलाओं पर कितना अत्याचार हो रहा है. किसी पर अत्याचार हो, किसान की मृत्यु हो तो हर दुख का बोझ महिला को उठाना पड़ता है.
PRIYANKA GANDHI : हमें परिवर्तन लाना होगा, हम आधी आबादी हैं
प्रियंका गांधी (PRIYANKA GANDHI) ने लखीमपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा, मैं लखीमपुर जा रही थी. सुबह चार बजे मुझे सीतापुर में गिरफ्तार किया. वहां भी महिला पुलिस थी. उनका घर परिवार है. हमें लगा कि हर जगह महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है. हमे परिवर्तन लाना होगा. हम आधी आबादी हैं. आखिर हमें कोई सीरियसिली ले क्यों नहीं रहा है. जो आता है हमारे पास कहता है कि हमारे पास इतने वोट है, हमारा सहयोग करें तो हम आपके लिए वोट करेंगे. तो अगर महिलाएं तय कर लें, एक जुट हो जाएं तो हम बदल सकते हैं
राजनीतिक मंचों से जातिवाद, सांप्रदायिकता सिखायी जाती है. हमें चाहिए विकास की राजनीति. हम जानना चाहते हैं कि बताओ हमारे लिए क्या करोगे. हमारे भविष्य के लिए क्या करोगे. अगर सारी महिलाएं ये सोच लें तो कैसे नहीं बदलेगी राजनीति.
महिलाएं एकजुट हो रही हैं इसलिए आशा बहुओं का मानदेय बढ़ाया गया
महिलाओं को सम्बोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, हमने नारा दिया कि लड़की हूं लड़ सकती हूं. महिलाओं के लिए अलग घोषणापत्र जारी किया. असर पड़ने लगा. आशा बहुओं का मानदेय बढ़ाया गया, इसलिए कि लग गया कि महिलाएं एकजुट हो रही हैं. पीएम आ रहे हैं एक महिलाओं की सभा करने. सबको समझ में आ गया है कि महिलाओं के लिए कुछ करना होगा. इस छोटी सी पहल का ये असर है.
प्रियंका गांधी ने आगे कहा, कल अमेठी में पुरानी सहेली रमाकांती आयी. पहली बार 15 साल पहले मिली थी. मां-बाप ने पढ़ाया नहीं. इच्छा थी कि बेटी को पढ़ाऊं. लेकिन परिवार सहमत नहीं था. उसने चुपचाप साड़ी का फाल सिलने लगी और दुकान में बेचकर चुपचाप बेटी को स्कूल भेजना शुरू किया. लेकिन पकड़ गयी. सास-ससुर ने डांटा. फिर उसने कहा कि मैं पढऩे की सारी फीस दूंगी. सब मान गये. आज कालेज पास कर लिया उसकी बेटी ने. अब नौकरी ढूंढ रही है. एक मां अपना संघर्ष अपनी बेटी को नहीं देना चाहती. आपको कितनी बार कहा गया है कि आप महिला हो, सहने की शक्ति है, सह लो. किस-किस ने सुना है, हाथ उठाओ.
लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति वोट है
आज मैं कह रही हूं कि आपको भगवान ने अपने पैरों पर खड़े होने की शक्ति दी है. इस शक्ति को पहचानो. लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति वोट है. तय कर लो आज से कि जो महिला को सशक्त नहीं करेगा, उसको वोट नहीं देंगे. इसका मतलब एक शौचालय या गैस सिलेंडर नहीं है. आपको शिक्षा रोजगार और आगे बढऩे की शक्ति दें, समाज में बदलाव लायें कि शोषण न हो, ये देखें. महिलाओं पर शोषण होता है और आरोप भी उसी पर लग जाता है. उल्टा अपराधी परिवार महिला पर एफआईआर करा देता है. बहुत सह लिया है. बहुत चुप रहे हैं. आधा देश, आधा प्रदेश, इतनी बड़ी शक्ति और आप इसे पहचान नहीं रहे हैं.
महिला को नकार नहीं सकते
हमने एक नारा दिया लड़की हूं, लड़ सकती हूं और सारे नेता खड़े हो गये कि महिलाओं के लिए कुछ करना पड़ेगा. आप लड़िये, मैं आपके साथ हूं. कांग्रेस की पूरी राजनीतिक शक्ति आपके साथ है. साथ में हम परिवर्तन लाएंगे. एक साथ हम इस देश और प्रदेश को समझाएंगे कि महिला को नकार नहीं सकते. शोषण का विरोध करेगी और अपना हक मांगेगी.
कुल रोजगार का 40 फीसदी महिलाओं को देंगे
कांग्रेस ने शक्ति विधान में तमाम घोषणाएँ की हैं. इसे पढ़िये. इसमें सिर्फ मोबाइल और स्कूटी की बात नहीं है. महिलाओं को सशक्त करने की बात है. उनकी दक्षता और रोजगार की बात है. कुल रोजगार का 40 फीसदी महिलाओं को देंगे. आशा बहुओं को दस हजार मिलेगा. गैस सिलेंडर एक दे रही है, हम तीन देंगे. सरकार के पास बहुत पैसा है, सही जगह नहीं डलता. प्रधानमंत्री आठ हजार करोड़ के हवाई जहाज में उड़ते हैं. उसको आपकी शिक्षा और स्वास्थ्य में डाला जा सकता था. कितनी महिलाएं डाक्टर, नर्स महिलाएं हैं. क्या कोरोना काल में उनकी सेवा को देखते हुए सरकार ने सशक्त किया.
प्रियंका (PRIYANKA) ने कहा, आज आप अगर लडऩा शुरू नहीं करेंगी तो कब करेंगी. आज ये लड़कियां शिक्षा और रोजग़ार चाहती हैं. सरकार का काम है कि इन्हें सशक्त करें.आपसे आग्रह है कि आप हमें सशक्त करें और हम आपको शक्ति देंगे. जब हम एकजुट हो जाएं तो कोई रोक नहीं पाएगा. बता दें कि कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता अराधना मिश्र मोना ने धन्यवाद ज्ञापन किया.