आपदा प्रतिक्रिया कोष के जरिए 50 हजार मुआवजा देंगी राज्य सरकारें
नई दिल्ली,नवसत्ता: देश में कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजनों को मुवाअजा देने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल को तैयार किया जायेगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक ऐसा सिस्टम भी बनाना चाहिए, जहां पर लोग मुआवजे के लिए ऑनलाइन दावा कर सकें. जिस पर केंद्र सरकार ने सहमति जताई है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना समेत कई राज्यों को नोटिस जारी कर इस बाबत हलफनामा दाखिल करने को कहा. अदालत ने कहा कि लोगों को पता ही नहीं है कि अधिकारी कौन है. इसलिए आपको मुआवजे के लिए पोर्टल बनाना चाहिए. अगर मुआवजे की ऑनलाइन व्यवस्था होगी, तो लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी. लोगों को अधिकारी के पास पहुंचने में भी मुश्किल आती है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि दो हफ्ते के भीतर एक ऑनलाइन पोर्टल को तैयार किया जाएगा. इसके जरिए कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजानों द्वारा मुआवजे के लिए दावा किया जा सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुत से लोग हैं, जिन्होंने कोरोनावायरस महामारी की वजह से अपने रिश्तेदारों को खो दिया. इन लोगों को अभी भी मुआवजे की योजना के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में सरकारों को व्यापक प्रचार करना चाहिए.
अदालत ने कहा, गांवों के लोगों को जिला मुख्यालय जाना मुश्किल होता है. बीच में बिचौलिए आ जाएंगे. इस बात का भी ध्यान रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया है. लेकिन नाबालिग कैसे उस पर आवेदन करेगा और उनका क्या जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बात बहुत ही चौंकाने वाली बात यह है कि आंध्र प्रदेश ने एक समिति बनाई है, जबकि हम इसके खिलाफ थे. गुजरात में चौंकाने वाली बात ये है कि लाभार्थियों की संख्या कम है. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि असम, बिहार, चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, झारखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा ने मुआवजे को लेकर उचित जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई.
गौरतलब है कि सितंबर में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोविड की वजह से जान गंवाने वाले परिवारों को राज्य सरकारें 50,000 रुपये का मुआवजा देंगी. अदालत को ये भी बताया गया था कि ये मुआवजा कोरोना से अब तक जान गंवाने वाले लोगों सहित भविष्य में इसका शिकार होने वाले लोगों तक को दिया जाएगा.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर कर कहा था, इस पैसे का भुगतान राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा. इसके लिए राज्य अपने संबंधित आपदा प्रतिक्रिया कोष का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या जिला प्रशासन के माध्यम से इस पैसे को वितरित किया जा सकता है. अपने हलफनामे में केंद्र ने कहा था, ‘भविष्य में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों को भी अगली नोटिफिकेशन तक मुआवजा दिया जाता रहेगा.Ó इसने कहा था कि ये मुआवाजा उन लोगों को भी दिया जाएगा, जो लोग कोरोना के बचाव कार्यों में जुटे हुए थे और संक्रमण के चलते उनकी मौत हो गई.
इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार ने एक सरकारी राहत (जीआर) के माध्यम से कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों या रिश्तेदारों को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया. अधिकारियों ने कहा कि सरकार एक वेब पोर्टल बनाने की योजना बना रही है, जो मृतक के परिजनों को आधार वेरिफिकेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल करके दस्तावेज प्रदान करते हुए सीधे आवेदन करने में मदद करेगा. अधिकारियों ने कहा कि वेब पोर्टल की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है और ये आवेदकों को आने वाले हफ्तों में आवेदन करने में मदद करेगी.