नई दिल्ली, नवसत्ता: नए खेती कानूनों को वापसी के बाद किसान 29 को संसद कूच करेंगे या फिर घर वापसी, इसका फैसला शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में हो गया. घंटों चली महापंचायत में ट्रैक्टर रैली नहीं निकालने पर सहमति बनी है.
बताया जा रहा है कि इसका आधिकारिक ऐलान किसान नेता अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे. बता दें, बीते दिन यानी 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसान 29 नवंबर को संसद की तरफ ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया था. जिसे देखते हुए दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया.
आज सुबह 11 बजे से शुरू हुई बैठक में एमएसपी, पराली के लिए कानून, बिजली संशोधन अधिनियम, किसानों को मुआवजा, मृत किसानों की याद में स्मारक बनाने और सभी राज्यों में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग मुख्य मुद्दे रहे हैं.
एमएसपी की गारंटी, प्रदूषण संबंधी कानूनों के तहत किसानों पर जुर्माना न करने और बिजली संशोधन अधिनियम को खारिज करने समेत कई मांगों पर किसानों का संघर्ष जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित दूसरी मांगों पर सुनवाई की मांग की है.
हालांकि अब किसानों को सरकार की ओर से दोबारा से बातचीत के लिए बुलाए जाने का इंतजार है, जिससे आंदोलन की दिशा और दशा तय की जा सके. फिलहाल किसानों को सरकार की ओर से बातचीत के लिए कोई साफतौर पर संकेत नहीं मिला है.