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पांच चरणों में होगा श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण: पीएम मोदी

नई दिल्ली,नवसत्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग की आधारशिला रखी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. इन राजमार्गों के विकास से पंढरपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सहूलियत होगी. आज भी ये यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, पीपल मूवमेंट के रूप में देखी जाती है. ‘आषाढ़ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है. हजारों-लाखों श्रद्धालु, बस खिंचे चले आते हैं.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज पंढरपुर को जोडऩे वाला करीब सवा दो सौ किमी लंबे नेशनल हाइवे का भी शुभारंभ हुआ है. इनके निर्माण में करीब 1,200 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. ये महामार्ग भगवान विठ्ठल के भक्तों की सेवा के साथ-साथ इस पूरे पुण्य क्षेत्र के विकास का मार्ग बनेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंढरपुर की सेवा मेरे लिए साक्षात श्री नारायण हरि की सेवा है. ये वो भूमि है, जहां भक्तों के लिए भगवान आज भी प्रत्यक्ष विराजते हैं. ये वो भूमि है, जिसके बारे में संत नामदेव जी महाराज ने कहा है कि पंढरपुर तबसे है जब संसार की भी सृष्टि नहीं हुई थी. वारकरी आंदोलन की और एक विशेषता रही और वह है पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर वारी में चलने वाली हमारी बहनें, देश की स्त्री शक्ति. पंढरी की वारी, अवसरों की समानता का प्रतीक हैं. वारकरी आंदोलन का ध्येय वाक्य हैं, ‘भेदाभेद अमंगल’.

पीएम मोदी ने मांगे तीन आशीर्वाद
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जब मैं अपने वारकरी भाई-बहनों से बात कर रहा हूं, तो आपसे आशीर्वाद स्वरूप तीन चीजें मांगना चाहता हूं. आपका हमेशा मुझ पर इतना स्नेह रहा है, कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा. दूसरा आशीर्वाद मुझे ये चाहिए कि इस पैदल मार्ग पर हर कुछ दूरी पर पीने के पानी की व्यवस्था भी की जाए, इन मार्गों पर अनेकों प्याऊ बनाए जाएं. तीसरा आशीर्वाद जो मुझे चाहिए, वो पंढरपुर के लिए है. मैं भविष्य में पंढरपुर को भारत के सबसे स्वच्छ तीर्थ स्थलों में देखना चाहता हूं. ये काम भी जनभागीदारी से ही होगा, जब स्थानीय लोग स्वच्छता के आंदोलन का नेतृत्व अपनी कमान में लेंगे, तभी हम इस सपने को साकार कर पाएंगे.

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