Navsatta
क्षेत्रीयखास खबरराजनीतिराज्य

यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के तत्वावधान में अमर शहीद पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी के जन्मदिवस पर ऑनलाइन परिचर्चा

up working journalist association

देवरिया,नवसत्ता : इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन से सम्बद्ध यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (रजिस्टर्ड) के तत्वावधान में अमर शहीद महान पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी के जन्म दिवस, 26 अक्टूबर के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी और आज की पत्रकारिता विषय पर गूगल पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया.

जिसकी अध्यक्षता यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष साथी रामकिशोर ने किया. परिचर्चा को आरंभ करते हुए यूनियन के महामंत्री डॉ शैलेश पांडे ने गणेश शंकर विद्यार्थी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके संघर्षों को याद दिलाई. उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता में संघर्ष करने का जज्बा, वास्तविकता को साफ और खुले तौर पर कहने का साहस समाप्त होता जा रहा है. डॉ पाण्डेय ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी का संघर्षमय जीवन, उनका त्याग, उनके जीवन मूल्य और सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हमें हमेशा-हमेशा प्रेरणा देती रहेगी. पत्रकारिता में उनके द्वारा स्थापित मापदण्ड और मान्यताएं हम पत्रकारों के लिए सदैव मार्ग दर्शक रहेंगे. वरिष्ठ पत्रकार, द पब्लिक चैनल के सीईओ आनंद वर्धन सिंह ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी ने देश की आजादी के लिए पत्रकारिता को अस्त्र के रूप में प्रयोग किया.

उन्होंने सरकार की गलत और जनविरोधी नीतियों का जोरदार शब्दों में विरोध किया. फलत: उन्हें अपनी पत्रकारिता और लेखन के कारण 5 बार जेल जाना पड़ा और कई बार उनके पत्र प्रताप को जुर्माना भरना पड़ा. आज के समय में इस प्रकार की पत्रकारिता की कल्पना भी नहीं की जा सकती. छात्र युवा संघर्ष वाहिनी की वरिष्ठ नेत्री पूनम पूनम ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी केवल पत्रकारिता के क्षेत्र में ही नहीं वरन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक बहुत बड़े योद्धा के रूप में हमारे सम्मुख आते हैं. उनके लिए सामाजिक समरसता और सौहार्द, हिंदू मुस्लिम एकता और आपसी भाईचारा सबसे बड़ा मुद्दा था और उसी समस्या के समाधान में उन्होंने अपना जीवन होम कर दिया. वसुंधरा फाउंडेशन के संयोजक राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी का स्वप्न समतामूलक आजाद भारत था.

वह लोकमान्य तिलक को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे परंतु बाद में गांधी से प्रभावित हुए और कांग्रेस के विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी की. उनकी लेखनी तीखे शब्दों और मुहावरों वाली भाषा से लैस अंग्रेजी शासन के अत्याचारों के विरुद्ध निडरता के साथ चलती थी. यद्यपि उन्हें अपने लेखन के कारण 5 बार जेल जाना पड़ा परन्तु फिरंगी सरकार उन्हें उनके मार्ग से डिगानहीं सकी.

ऑल इंडिया वर्कर्स काउंसिल के महामंत्री ओ. पी. सिन्हा ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी गांधी को अपना गुरु मानते थे परंतु क्रांतिकारियों की भी खुलकर हर कदम पर सहायता करते थे. वह आम भारतीय नागरिक की भांति, भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन की शांतपूर्ण आन्दोलनकारी और क्रांतिकारी दोनों ही विचारों के पोषक थे. सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां के बड़े भाई के पत्रों से पता चलता है कि उन्होंने किस प्रकार क्रांतिकारियों की सहायता की.

उन्होंने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी के लेखों को, उनके साहित्य को युवजनों के बीच ले जाने की जरूरत है. कानपुर के योगेश श्रीवास्तव ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी के प्रताप में प्रकाशित लेख आज के दौर के पत्रकारों के लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत बनेंगे. वह आजीवन धार्मिक कट्टरता और धार्मिक उन्माद के खिलाफ लड़ते रहे. उन्होंने लिखा था मैं हिंदू- मुसलमान झगड़े की मूल वजह चुनाव को समझता हूं. चुने जाने के बाद आदमी देश और जनता के काम का नहीं रहता है. वे जीवन भर लोगों को अपनी लेखनी के द्वारा धार्मिक उन्माद के प्रति सावधान करते रहे परंतु इसी धार्मिक उन्माद ने 9 नवंबर 1913 को उन्हें हमसे छीन लिया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम किशोर ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्टूबर 1890 को इलाहाबाद में हुआ था और 25 मार्च 1931 को कानपुर में हुए हिंदू मुस्लिम दंगों में उनकी हत्या कर दी गई. अपने जीवन के मात्र 41 वर्षों में उन्होंने पत्रकारिता के ही नहीं वरन सार्वजनिक जीवन के भी कीर्तिमान स्थापित कर दिए जो आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं. उन्होंने अपनी पत्रकारिता पंडित सुंदरलाल जी की हिंदी साप्ताहिक पत्रिका कर्म योगी से प्रारंभ की और सरस्वती, अभ्युदय के रास्ते होते हुए 1913 में उन्होंने अपना साप्ताहिक पत्र प्रताप निकाला. 7 वर्षों बाद ,1920 में साप्ताहिक प्रताप, दैनिक समाचार पत्र बन गया. प्रताप में अपने लेखों के कारण विद्यार्थी जी को 5 बार कारावास की सजा हुई. अपने जेल प्रवास में उन्होंने विक्टर हूग्रो के दो उपन्यासों का अनुवाद किया.

कार्यक्रम में यूनियन के कोषाध्यक्ष अरुण राव ,बिजनौर से पत्रकार रविंद्र भटनागर, लखनऊ से ज्योति चोपड़ा, आरडी बाजपेई आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए.

संबंधित पोस्ट

मुख्तार अंसारी के बड़े भाई आज सपा में होंगे शामिल

navsatta

लोकसभा चुनाव में बसपा अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगी : प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल

navsatta

कर मुक्त हुई ब्लैक फंगस की दवा, वैक्सीन पर पांच फीसदी टैक्स वसूलेगा केंद्र

navsatta

Leave a Comment