लखनऊ,नवसत्ता : उत्तर प्रदेश के सीनियर आईएएस अफसर इफ्तखारुद्दीन की कट्टरता वाली पाठशाला का वीडियो वायरल होने के बार योगी सरकार ने सख्त रूख अपनाया है. कानपुर के आईएएस श्री इफ्तखारुद्दीन के मामले में शासन द्वारा एसआईटी से जांच के दिए हैं. सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पूरे मामले की जांच के बाद आईएएस अधिकारी पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है. कानपुर में तैनात उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन इफ्तिखारुद्दीन के मामले में एसआईटी जांच के आदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने दिए हैं. अवनीश अवस्थी ने बताया कि एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा और सदस्य एडीजी जोन भानु भास्कर होंगे. एसआईटी अपनी रिपोर्ट 7 दिन में शासन को प्रेषित करेगा.
दरअसल प्रदेश के सीनियर आईएएस अफसर इफ्तखारुद्दीन की कट्टरता वाली पाठशाला का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. जानकारी के मुताबिक, यह वायरल वीडियो उस समय का है जब इफ्तखारुद्दीन कानपुर के कमिश्नर थे और उसी दौरान उन्होंने कट्टरता परोसने में माहिर कुछ अपने मौलानाओं को अपने सरकारी बंगले पर बुलाकर इस पाठशाला का आयोजन किया था. जिसमें वह खुद भी कट्टरता की भूमिका में नजर आ रहे हैं.
कानपुर के आईएएस श्री इफ्तखारुद्दीन के मामले में शासन द्वारा एसआईटी से जांच के आदेश दिए गए हैं।
एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा होंगे एवं सदस्य एडीजी ज़ोन भानु भास्कर होंगे।
एसआईटी अपनी रिपोर्ट 7 दिन में शासन को प्रेषित करेगा।
— HOME DEPARTMENT UP (@homeupgov) September 28, 2021
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने ट्वीट कर दी जानकारी
वीडियो वायरल होने के बाद अब सीनियर आईएएस की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच चुकी है. अब यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इफ्तखारुद्दीन ने पद पर कार्यरत रहने के दौरान कट्टरता के साथ-साथ धर्मांतरण को भी बढ़ावा दिया.