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खुशखबरी: नि:शुल्क होगा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का रजिस्ट्रेशन

लखनऊ,नवसत्ता : योगी सरकार ने प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए खुशखबरी दी है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडल समूह ने इस संबंध में अपनी संस्तुति दी है. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीकरण यदि प्रदेश सरकार के पोर्टल पर करने की जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार की तरह पूरी तरह मुफ्त होगा. इसके अलावा यह व्यवस्था श्रम विभाग तत्काल सुनिश्चित कराएगा.

दरअसल, प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का रजिस्ट्रेशन प्रदेश सरकार के पोर्टल पर हो रहा था. इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए प्रति मजदूर 60 रुपए शुल्क और कॉमन सर्विस सेंटर से रजिस्ट्रेशन कराने पर 30 रुपए देने पड़ते थे. इस तरह मजदूरों को 90 रुपए खर्च करने पड़ रहे थे.

प्रदेश में बीते 9 जून से 26 अगस्त तक 79,215 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन इसी खर्चे के साथ हुआ है. इसके बाद केंद्र सरकार का ई-श्रम पोर्टल शुरू हो गया, जिस पर निशुल्क रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है. हालांकि प्रदेश सरकार ने अपने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को रोकते हुए प्रदेश के मजदूरों का निशुल्क रजिस्ट्रेशन ई-श्रम पोर्टल पर कराना शुरू कर दिया है. लेकिन प्रदेश में असंगठित मजदूरों के कई कामों से जुड़े तमाम क्षेत्र ई-श्रम पोर्टल पर नहीं है. लिहाजा, ऐसे मजदूरों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.

वहीं मंत्रिसमूह के मुताबिक प्रदेश के अधिकारी केंद्र सरकार के सचिव श्रम और रोजगार मंत्रालय व एनआईसी के प्रतिनिधियों से बातचीत कर लें. यदि पोर्टल में संशोधन किया जाना संभव न हो तो प्रदेश के पोर्टल को जारी रखते हुए रजिस्ट्रेशन लक्ष्य प्राप्त किया जाए. इसके साथ ही प्रदेश के पोर्टल पर दर्ज असंगठित मजदूरों का डाटा केंद्र सरकार के प्रारूप पर नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाए. ऐसे में मंत्रिसमूह ने यह भी फैसला किया कि केंद्र सरकार द्वारा निशुल्क रजिस्ट्रेशन के मद्देनजर प्रदेश में भी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के निशुल्क रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही की जाएगी. इस संबंध में शासन को तत्काल प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा गया है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर तक प्रदेश को 6.6 करोड़ असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन करने का टारगेट दिया है. ऐसे में बीते शुक्रवार शाम तक 19,39,104 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन ई-श्रम पोर्टल पर हुआ था. मंत्रिसमूह ने इस टारगेट को प्राप्त करने के लिए मनरेगा मजदूरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वयं सहायता समूहों के कर्मचारियों का डाटा ई-श्रम पोर्टल पर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया है.

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