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डेढ़ माह बाद पीक पर होगी कोरोना की तीसरी लहर,विशेषज्ञों ने पीएमओ भेजी रिपोर्ट

देश में 82 फीसद बच्चों के इलाज में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर चिंता जतायी

नई दिल्ली,नवसत्ताः देश में कोरोना की तीसरी लहर अगले डेढ़ माह यानी अक्टूबर तक अपने चरम पर होगी। कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर होगा। इस वक्त देश में सबसे ज्यादा मेडिकल सुविधाओं की जरूरत होगी। विशेषज्ञों की एक्सपर्ट टीम ने देश में 82 फीसद बच्चों के इलाज में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर चिंता जताते हुए यह चेतावनी जारी की है। इस टीम को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के तहत बनाया गया है।

गृह मंत्रालय के साथ मिलकर विशेषज्ञ कमेटी ने यह रिपोर्ट तैयार की है, इस रिपोर्ट में बाल चिकित्सा सुविधा, डॉक्टर, स्टॉफ , उपकरण, वेंटिलेटर, एंबुलेंस सहित कई जरूरी चीजों का जिक्र किया है जिनकी जरूरत है। अगर देश में बच्चों में यह संक्रमण तेजी से फैला तो हम कितने तैयार हैं, किन चीजों की जरूरत होगी इस पर फोकस किया गया है। विशेषज्ञों की यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय में सीधे जमा की गयी है।

इस रिपोर्ट में बच्चों के वैक्सीनेशन पर भी ज्यादा जोर दिया गया है। अक्टूबर में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होने की संभावना जाहिर की गयी है। विशेषज्ञों के साथ- साथ कई संगठनों ने अपनी शोध में यह दावा किया है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अक्टूबर के महीने में चरम पर होगी।

इस बैठक में बच्चों के सेहत को लेकर ज्यादा चर्चा हुई। अबतक बच्चों की वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में उनकी सेहत पर ज्यादा खतरा हो सकता है। इस तीसरी लहर से निपटने के लिए विशेष तौर पर रणनीति की आवश्यकता है। संक्रमण के खतरे से पहले इसके लिए पूरी तरह तैयारी करनी होगी।

विशेषज्ञों की टीम ने स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदगी के साथ- साथ बच्चों की मानसिक तौर पर होने वाले असर पर भी फोकस किया है। बच्चों के कोरोना से लड़ाई के दौरान सुरक्षित तौर पर अभिभावक भी रह सकें इस पर भी फोकस किया गया है।

विशेषज्ञों ने इस संबंध में चिंता जाहिर की है कि देश में 82 फीसद बच्चों के इलाज में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। हेल्थ सेंटर और सामुदायिक हेल्थ केंद्र में 63 फीसद पद खाली है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के फैलने से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर बच्चों पर भी हुआ। दोनों संक्रमण की लहर से अनुभवों के आधार पर काम करने की सलाह इस रिपोर्ट में दी गयी है। राज्यों को कोविड केयर सेंटर में वृद्धि करने और सुविधाओं को बढ़ाने पर फोकस करने की सलाह दी गयी है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर हमारे सामने है। अगर हम राज्यों में बढ़ रहे संक्रमण के मामले पर गौर करें, तो हालात को समझ सकते हैं। कोरोना संक्रमण के मामले जुलाई के अंतिम सप्ताह में 0 ़9 से 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

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