टोक्यो,नवसत्ता : भारत की महिला गोल्फर अदिति अशोक ने मेडल तो नहीं जीता पर टोक्यो ओलंपिक में चौथे पायदान पर पहुंचकर उन्होंने इतिहास रच दिया है।
टोक्यो ओलंपिक शुरू होने से पहले जिन खेलों और खिलाडिय़ों से पदक की उम्मीद की जा रही थी उसमें गोल्फ और अदिति अशोक का नाम शायद ही किसी ने लिया हो।
अदिति दुनिया की 200वें नंबर की गोल्फर हैं, लेकिन उन्होंने अपने कमाल के खेल से सबको हैरत में डाल दिया। अदिति आखिरी समय तक पदक की दौड़ में रहीं, लेकिन किस्मत और खराब मौसम ने उनका साथ नहीं दिया।
प्रधानमंत्री ने अदिति के बेहतरीन प्रदर्शन को सराहा
अदिति के ओलिंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा। बहुत बढिय़ा खेला अदिति! आपने टोक्यो 2020 के दौरान जबरदस्त कौशल और संकल्प दिखाया है। बहुत कम अंतर से पदक छूट गया, लेकिन आप किसी भी भारतीय खिलाड़ी से आगे निकल गई हैं और एक निशान को चमकता हुआ छोड़ा है। आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।
Well played @aditigolf! You have shown tremendous skill and resolve during #Tokyo2020. A medal was narrowly missed but you’ve gone farther than any Indian and blazed a trail. Best wishes for your future endeavours.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2021
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी दी शुभकामाएं
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अदिति को शुभकामनाएँ देते हुए लिखा, आज के ऐतिहासिक प्रदर्शन से आपने(अदिति अशोक) भारतीय गोल्फ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। आपने बेहद शांत और शिष्टता के साथ खेला। धैर्य और कौशल के प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए बधाई।
Well played, Aditi Ashok! One more daughter of India makes her mark!
You have taken Indian golfing to new heights by today's historic performance. You have played with immense calm and poise. Congratulations for the impressive display of grit and skills.
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 7, 2021
बेंगलुरु की रहने वाली अदिति पिछले कुछ सालों से गोल्फ में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। हालांकि क्रिकेट और दूसरे खेलों के मुकाबले भारत में गोल्फ की मीडिया में उतनी चर्चा नहीं होती। मेडल न मिलने के बावजूद दुनिया में 179वीं रैंकिंग की खिलाड़ी अदिति के ओलंपिक में इस शानदार प्रदर्शन की खूब चर्चा हो रही है।
मालूम हो कि साल 2016 में गोल्फ को समर ओलंपिक में जगह दी गई जबकि यह इससे पहले 1900 और 1904 में भी ओलंपिक खेलों में शामिल रहा था। भारत की गोल्फ में इसे बड़ी छलांग माना जाना चाहिए।
अदिति अकेली भारतीय हैं जिन्होंने 2016 में लेडीज यूरोपीय टूर में दो टाइटल जीते हैं। वैसे तो अदिति ने रियो 2016 ओलंपिक में भी क्वॉलिफाई किया था लेकिन तब वो स्कूल से निकली एक किशोरी थीं और ओलंपिक में महिला गोल्फ स्पर्धा में सबसे युवा खिलाड़ी थीं। रियो में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था और वो 41वें स्थान पर आई थीं। लेकिन इन सुर्खियों से परे इन पाँच सालों में अदिति ने महिला गोल्फ में अपना अलग मकाम बनाया है।
2017 में वे पहली भारतीय महिला प्रोफेशनल गोल्फ एसोसिएशन खिलाड़ी बनीं थीं। किसी भी दूसरी भारतीय महिला गोल्फ खिलाड़ी ने दो बार ओलंपिक में क्वॉलिफाई नहीं किया है। इसके अलावा अदिति पहली भारतीय महिला गोल्फऱ हैं, जिन्होंने एशियन यूथ गेम्स (2013), यूथ ओलंपिक गेम्स (2014), एशियन गेम्स (2014) में हिस्सा लिया।
वो लल्ला आइचा टूर स्कूल का टाइटल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं। सोशल मीडिया पर अदिति के फ़ॉलोअर्स की संख्या 3,000 से तकरीबन 40 हजार पहुँच चुकी है। गोल्फ में अदिति की शुरुआत एक तरह से इत्तेफाक से ही हुई थी।बेंगलुरु के जिस रेस्तरां में उनका परिवार खाना खाने जाता था, वहीं सामने गोल्फ रेंज था, एक दिन वो लोग यूँ ही वहाँ रेंज देखने गए और अदिति ने थोड़ा-बहुत हाथ आजमाया। बस वहीं से गोल्फ का सफर शुरू हो गया। तब अदिति कोई पाँच-छह साल की थीं। रियो ओलंपिक में अदिति के कैडी के तौर पर उनके पिता साथ गए थे और टोक्यो में कैडी के तौर पर उनकी मां साथ आई हैं।