कोलकोता,नवसत्ताः खेला होबे नारे के साथ तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी ने विधानसभा में ऐलान किया है कि राज्य में ‘खेला होबे’ को लोगों का बहुत ही समर्थन मिला है। पश्चिम बंगाल में अब खेला होबे दिवस मनाया जाएगा।
क्या है ‘खेला होबे’?
जिने दो जादुई शब्दों तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में पहंचा दिया उसका इस्तेमाल अब ममता सरकार राज्य में खेलों को बढ़ावा देने में करना चाहती है। दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच खूब शब्दबाण छोड़े गए। राममंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद बीजेपी ने बंगाल में ‘जयश्री राम’ के नारे बुलंद किए। इसके साथ ही पीएम मोदी से लेकर सभी नेता विकास का नारा लगाया। बीजेपी ने कहा कि ममता बनर्जी ने अपने शासनकाल में केवल भ्रष्टाचार, कुशासन का खेल खेला।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के जवाब में ‘खेला होबे’ का नारा उछाला। इस मतलब ‘अब खेल होगा’ हुआ। अब पूरे बंगाल में चुनाव भर इसी नारे के इर्दगिर्द ही मुद्दा घूमता रहा। बीजेपी बोलती विकास होबे तो ममता बनर्जी के लोग कहते खेला होबे। यह इतना प्रचलित हुआ कि खेला होबे एक प्रतीक नारा बन गया।
तृणमूल के युवा विंग के नेता ने लिखा था यह गीत
‘खेला होबे’ एक गीत है। इसको लिखा है तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता देबाग्शु भट्टाचार्य ने। देबाग्शु पेशे से सिविल इंजीनियर हैं और टीएमसी के प्रचारक हैं।