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कोतवाल की दरियादिली,ग़रीब बेटी के विवाह को बनाया यादगार और खुद किया कन्यादान

अमर सिंह

रायबरेली,नवसत्ता:आम भारतीय की निगाह में एक कोतवाल की छवि क्या होती है।इस आसान सवाल का जवाब मुश्किल नहीं।वर्दी पहनकर थाने की मुख्य कुर्सी पर बैठने वाला वह पुलिस वाला जो केवल कानून की भाषा बोलता है।मानवीय पहलू और फरियादी की मजबूरी यहां मायने नहीं रखती।रोब ऐसा कि बड़े बड़ों की बोलती बंद हो जाए।लेकिन रायबरेली के महाराजगंज थाने में दो दिन पहले इसके उलट नज़ारा रहा।यहां कानूनी कार्रवाई के इतर अपनी मजबूरी का समाधान ढूंढने एक बेटी थाने की चौखट पर पहुंची तो उसकी जिंदगी ही बदल गई।यहां की कोतवाल ने कानूनी पचड़ों को दरकिनार कर एक मजबूर बेटी का खटाई में पड़ा विवाह न केवल अपने प्रयासों से धूमधाम के साथ संपन्न करवाया बल्कि कन्यादान भी खुद ही किया।आइये विस्तार से जानते हैं,यह मामला है क्या।

यह है मामला

मामला क्षेत्र के गांव शिवप्रसाद गंज मजरे पहरावा का है। यहां के रहने वाले सुखदेव यादव ने जीते जी अपनी बड़ी पुत्री सोनिका की शादी अपने ही एक रिश्तेदार गुरसेवक के लड़के आनंद यादव निवासी ग्राम कोहली मजरे रूपा मऊ थाना डीह जनपद रायबरेली के साथ तय किया था। लेकिन सुखदेव की असमयिक मौत हो गई। इसी दौरान परिवार में सुखदेव की दूसरी पत्नी कलावती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। परिवार में सोनिका की दो छोटी बहनें भी थी। पूरा परिवार बिखर गया। अब सोनिका के सामने परिवार के पालन पोषण के साथ-साथ मां के इलाज और घर संचालन की जिम्मेदारी आ गई। धीरे धीरे सोनिका ने पिता द्वारा छोड़ी गई थोड़ी सी जमीन के सहारे अपना दायित्व संभाला और अपने से छोटी दोनों बहनों का सामर्थ्य के हिसाब से शादी विवाह किया। उसकी खुद की शादी की बात पीछे छूट गई। इस बीच कुछ रिश्तेदारों ने बीच में पड़कर सुखदेव ने जहां सोनिका की शादी तय हुई थी उस परिवार वालों से संपर्क साधा और प्रस्ताव रखा कि, साधारण तरीके से सोनिका की शादी आनंद के साथ संपन्न करा दी जाए। लेकिन आनंद के परिवार वाले लगातार दबाव बनाते रहे कि, शादी होगी तो पारंपरिक ढंग से धूमधाम के साथ बारात लेकर वह लोग आएंगे, तभी शादी होगी। इधर आर्थिक रूप से विपन्न हो चुका सोनिका का परिवार यह बोझ उठाने को समर्थ नहीं था।

सोनिका पहुंच गई पुलिस के पास

बताते हैं कि,मामला बिगड़ गया। वर पक्ष अपनी जिद पर अड़ा रहा। फिर सोनिका ने महराजगंज कोतवाली पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक रेखा सिंह को अपनी व्यथा सुनाई। इससे रेखा सिंह द्रवित हो गई।उन्होंने वर पक्ष को भी थाने बुलाया। दोनों पक्षों के बीच घंटों बातचीत चली। लेकिन कोई हल नहीं निकला।

कोतवाल रेखा सिंह का यह रहा रोल

मामले में कानूनी कार्रवाई से सोनिका की ज़िंदगी तबाह हो सकती थी।पुलिसिया सोंच से इतर रेखा सिंह ने अचानक वर पक्ष से कहा आप बारात लेकर आइये।इस बीच कोतवाल रेखा सिंह ने समाज के जिम्मेदार लोगों से मदद ली।संभ्रांत लोगों से सहयोग लिया।बृहस्पतिवार की रात महराजगंज जिला पंचायत के गेस्ट हाउस में बारात पहुंची तो वर पक्ष इंतज़ाम देख कर दंग रह गया। यहां बारातियों की ज़बरदस्त आवभगत के वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हुआ। सारे रीति-रिवाजों के साथ बारात का द्वारचार हुआ वर कन्या ने एक दूसरे को माला पहनाते हुए अग्नि के सात फेरे लेकर जीवन भर साथ निभाने की कसमें खाई।

अनाथ सोनिका का कन्यादान भी कोतवाल ने किया

कोतवाल रेखा सिंह ने सोनिका के अभिभावक की भूमिका निभाते हुए कन्यादान किया। बारातियों और जनातियों के लिए स्वादिष्ट भोजन का प्रबंध किया गया था। रिमझिम बारिश के बीच लोगों का उत्साह फीका नहीं पड़ा।सुबह खुशी खुशी सोनिका की विदाई हो गई। कार्यक्रम में थाने और चौकी के पुलिसकर्मियों और समाज के लोगों द्वारा समर्थ के मुताबिक उपहार भी वर वधु को दिए गए। क्षेत्र में यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।

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