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कोर्ट के आदेश के बावजूद जिला प्रशासन नहीं कर रहा गन्ना बकाया भुगतान

देवरिया, नवसत्ता : गौरी बाजार में गन्ना काश्तकार तथा मिल मजदूरों की बैठक की गई। सोशल डिस्टेंसिंग को पालन करते हुए बैठक की। आज 4 सालों से लगातार बैठक करते हुए मजदूर तथा किसान चले आ रहे हैं। अपने बकाए पैसे 14 करोड़ 73 लाख तथा गन्ना काश्तकारों के बकाया एक करोड़ 62 लाख रुपए को लेकर आंदोलित है। कोर्ट के आदेश के बावजूद इन किसानों तथा मजदूरों का भुगतान करने में जिला प्रशासन उद्योगपतियों की दबाव में आनाकानी कर रही है। आज की इस बैठक में मजदूरों ने निर्णय लिया है कि जिला प्रशासन द्वारा हम लोगों की आवाज दबाई जा रही है।

हमें आंदोलन करने में जिला प्रशासन मजबूर कर रहे हैं। हम अपने हक की लड़ाई के लिए पीछे नहीं हटेंगे। इस कोरोना काल के नाम पर हमारे मजदूरों किसानों के हत्या किया जा रहा है। आज किसान मजदूर इस महंगाई के चलते अपनी जीविका चलाने में मजबूर हैं। लेकिन जिला प्रशासन उद्योगपतियों के दबाव में मजदूरों किसानों का शोषण कर रहे हैं। मजदूरों ने अपने संघर्ष को केस करने के लिए ठान लिया है। इस कोरोना काल में महंगाई चरम सीमा पर है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। भूखमरी चरम सीमा पर है। आज 4 सालों से किसान आंदोलित है। लेकिन इस शासनकाल में बैठे हुए अधिकारी मजदूरों के शोषण कर रहे हैं। सरकार अपना विकास इसी को दिखा रही है। क्या यही न्याय और विकास है। किसान मरे, मजदूर मरे, सरकार मजे से चले। यदि मजदूरों किसानों की सुनी नहीं गई तो, किसान और मजदूर मजबूर होकर आंदोलन करने पर उतारू होंगे। जिसका जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। आज की बैठक को संबोधित करते हुए मजदूर नेता ऋषिकेश यादव, रामाज्ञा, कौशल किशोर, हंसराज, सादिक अली, रामप्रसाद, सुखराम, बलभद्र पांडे, मुखलाल, हिसाबी देवी, केशिया, विद्यावती, सुखिया, दुलारी देवी, अदालत अली, छेदी सिंह, राजदेव, राजकुमार आदि लोगों भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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