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देश की चौथी वैक्सीन नोवावैक्स का होगा क्लिनिकल ट्रायल,जुलाई से बच्चों पर होगा क्लिनिकल ट्रायल

नई दिल्ली, नवसत्ता: देश की चौथी नोवावैक्स वैक्सीन का ट्रायल जुलाई से शुरू होगा। कोविशील्ड वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जुलाई में बच्चों के लिए नोवावैक्स वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने वाला है। बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल में जाने वाली देश की यह चौथी वैक्सीन होगी।
मंगलवार को केंद्र सरकार ने कहा था कि कोविड-19 के खिलाफ नोवावैक्स वैक्सीन की प्रभावशीलता के आंकड़ें भरोसा पैदा करने वाले हैं और इसकी क्लीनिकल ट्रायल भारत में पूरा होने के एडवांस्ड स्टेज में है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से टीका निर्माण के लिए करार करने वाली नोवावैक्स इंक ने सोमवार को कहा था कि उसकी वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ अधिक प्रभावी है और यह वायरस के सभी वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। कंपनी ने कहा कि वैक्सीन कुल मिलाकर करीब 90.4 फीसदी असरदार है और शुरुआती आंकड़ें बताते हैं कि यह सुरक्षित है।
नीति आयोग के सदस्य(स्वास्थ्य) वी के पॉल ने मंगलवार को कहा था कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़े यह संकेत भी देते हैं कि नोवावैक्स वैक्सीन सुरक्षित और बेहद प्रभावी है। उन्होंने कहा था, उपलब्ध आंकड़ों से हम जो देख रहे हैं वह यह कि वैक्सीन बेहद सुरक्षित है। लेकिन जो तथ्य आज के लिए इस वैक्सीन को प्रभावी बनाता है वह यह कि इसका उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया जाएगा।
इससे पहले हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक 12-18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन की क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर चुकी है। यह ट्रायल एम्स पटना और दिल्ली में कुल 525 बच्चों पर किया जाएगा। ट्रायल तीन हिस्सों में होना है और इसके तहत 12-18, 6-12 और 2-6 साल एज ग्रुप के 175-175 वॉलेंटियर्स के तीन समूह बनेंगे। ट्रायल के दौरान वैक्सीन की दो डोज मांसपेशियों में दी जाएंगी, जिनमें से दूसरी डोज पहली डोज लगने के 28वें दिन दी जाएगी।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 12 मई को 2 से 18 साल एज ग्रुप के बच्चों में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दे दी थी। भारत बायोटेक बच्चों के लिए नेजल वैक्सीन की भी क्लीनिकल ट्रायल कर रही है।
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी नोवावैक्स को कोरोना वायरस के वैरिएंट के खिलाफ 93 फीसदी असरदार बताया है। अमेरिका और मेक्सिको में किए गए बड़े और लास्ट फेज की स्टडी में यह बात सामने आई है। अमेरिकी बायोटेक फर्म ने सोमवार को बताया कि वैक्सीन का शॉट रोगसूचक कोविड को रोकने में 90 फीसदी प्रभावी है। वहीं मध्यम और गंभीर लक्षणों को रोकने में 100 फीसदी असरदार है। इसके साथ ही यह भी दावा किया गया है कि कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट पर वैक्सीन का शॉट 93 प्रतिशत प्रभावकारी साबित होगा।

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