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ज़िले में झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा बदस्तूर जारी,ज़िम्मेदार अधिकारी भी बैठे हैं कान में तेल डालकर,शिकायत के बावजूद नहीं कर रहे कार्रवाई

अक्षय मिश्रा

रायबरेली,नवसत्ता: ज़िले में झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा बदस्तूर जारी है। लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले यह नीम हकीम मौत के सौदागर साबित हो रहे हैं। शिकायत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहा है।
लंबे समय से झोलाछाप डाक्टर गांव-गांव में निजी क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके खिलाफ नोटिस भेज कार्यवाही करने की बात भी की लेकिन उसके बाद मामला फुस्स नजर आया, कार्रवाही के नाम पर खानापूर्ति कर झोलाछापों के हौसलों को और बढ़ा दिया जाता है। रायबरेली जनपद मे कई दफा झोलाछाप के इलाज के बाद मौतें हो चुकी है, उसके बाद भी स्वास्थ्य महकमा कुम्भकरणी नींद सोया हुआ है।

गरीब तबका व गांव के लोग होते हैं इनके शिकार

झाेलाझाप डाॅक्टरों का शिकार शहर में कंस्ट्रक्शन साइटों में काम करने वाले मजदूर और गांव में रहने वाले गरीब लोग हो रहे हैं। ये लोग इन डाॅक्टरों से 20 से 50 रुपये में दवाइयां ले लेते हैं। जिसका खामयाजा कई बार उन्हें अपनी मौत को गले लगाकर चुकाना पडता है। अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें झोलाझाप डाॅक्टरों की दवाइयों से लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

झोलाछापों के इलाज से कई गुना बढ़ जाता है मरीज की जान को खतरा – डॉ भावेश सिंह

जब इस संबंध में चिकित्सक डॉ भावेश से बात की गई लेनी तो उन्होंने बताया की कुछ दिन किसी क्लीनिक में बैठकर दवा देने का काम करने वाले अपने आपको डॉक्टर की उपाधि देकर स्वयं क्लीनिक खोल बैठते हैं और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन्होंने बताया कि झोलाछाप दो चार फार्मलों का ज्ञान करने के बाद लोगों को दवा देना शुरू कर देते हैं जिससे की बाद में मरीज को काफी समस्याएं सामने आती हैं हो सकता है तत्काल में वह दवा असर दिखा दे लेकिन बाद में होने वाले दुष्प्रभावों से लड़ना मुश्किल हो जाता है, डॉक्टर भावेश ने बताया कि मरीजों को भी जागरूक होना चाहिए व ऐसे झोलाछापों के इलाज से बचना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि सस्ते इलाज के चक्कर में झोलाछाप द्वारा हाई डोज दवा के साथ हाई डोज एंटीबैटिक व स्टेरायड का उपयोग किया जाता है जिसकी वजह से मरीज को तत्काल राहत तो मिल जाती है लेकिन बाद में होने वाले दुष्प्रभाव से मरीज के जान तक का खतरा बढ़ जाता है,इसके साथ साथ लिवर इंफेक्शन व किडिनी इंफेक्शन जैसे कई बडी बीमारी होने का खतरा अधिक हो जाता है।

दो गुनी रकम लेकर करते हैं हर बीमारी का इलाज

वैसे तो झोलाछाप फोड़ा-फुंसी या सिर दर्द जैसी बीमारी का इलाज करने के लिए भी अधिकृत नहीं है। लेकिन गांव की ग्रामीणो को यह बड़ा डॉक्टर बताकर ठग रहे है और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह डॉक्टर मलेरिया, खांसी, सर्दी-जुकाम सहित कई बड़ी बीमारियों व दुर्घटना होने पर घायलों का इलाज भी करते है। भोली भाली जनता से पैसा वसूलने के लिए यह डाक्टर मरीज को भर्ती करके ड्रिप चढ़ाने, इंजेक्शन लगाने सहित घायलों को पट्टी करने और कई बार टांके लगाने तक के काम कर लेते है।

follow-up

क्या कहते है मुख्य चिकित्सा अधिकारी: डॉ वीरेंद्र सिंह

झोलाछाप डॉक्टरों पर लगातार कार्यवाही की जाती है इसकी सूचना भी आई है इस पर भी जल्द ही कार्यवाही की जाएगी, जरूरत पड़ने पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेज जाएगा।

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