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चुनाव ड्यूटी से लौटे शिक्षक पुत्र को गवांने वाले पिता का फूटा आक्रोश

पंचायत चुनाव के दौरान जिले में 54 शिक्षकों ने गवाईं जान

अक्षय मिश्रा

लालगंज(रायबरेली),नवसत्ता:उत्तर प्रदेश  में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। सरकारी कागजों में कोरोना का कहर भले ही कम दिख रहा हो लेकिन रायबरेली में स्थिति बहाल होने का नाम नहीं ले रही है, कोरोना दूसरी लहर मौत का तांडव कर रही है लखनऊ से सटे जनपद रायबरेली जिले में कोरोना की दूसरी लहर में शिक्षकों को भी अपना ग्रास बना चुका है।  13 अप्रैल में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद आम जनता से लेकर शिक्षकों की लगातार मौत के दृश्य सामने आए हैं।

जनपद रायबरेली के लालगंज कस्बे के बेहटा निवासी शिक्षक पंकज विक्रम सिंह की चुनाव ड्यूटी से घर लौटने के उपरांत कोरोना के लक्षण विद्वान हुए जिसके चलते इलाज के दौरान एल २ अस्पताल में उपचार के दौरान ही उनकी मौत हो गई।  जवान लड़के के ऐसे असमय बिछड़ जाने से मां-बाप व तीन साल पहले सात फेरे घूमकर आईं अर्धांगनी का रो रोकर बुरा हाल है,घर का गमगीन दृश्य देखकर पास – पड़ोस के लोग में भी काफी शोक व्याप्त है। इन सब दृश्यों से चकित डेढ़ साल की मासूम बिटिया भी सबको रोता देख रोने लगती। इस घटना के बाद आस पास के लोग शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं।

जब इस बाबत उनके पिता व मां से बात की गई तो उन्होंने अपने बेटे का मौत का जिम्मेदार शासन प्रशासन पर थोपते हुए कहा कि अगर इस आपदा के समय सरकार चुनाव ना कराती तो शायद मेरा बेटा आज हम सब से न बिछड़ता,आपको बता दें कि अभी तक जनपद में 54 शिक्षकों के परिवार उजड़ गए हैं, लेकिन शासन प्रशासन की तरफ से उन्हें किसी भी प्रकार की सहानभूति नहीं मिली जिससे परिवार जनों में रोष व्याप्त है। पंकज विक्रम सिंह के पिता का कहना है कि सरकार द्वारा हमें आर्थिक मदद की जाए व हमारे घर के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।

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