राय अभिषेक
लखनऊ, नवसत्ता: भारत की कोरोना के बेकाबू स्वरुप को जड़ समेत निष्क्रिय करने की जद्दोजहद में विश्व के बहुत से देशो ने अपने मदद के हाथ को भारतियो के लिये बढ़ाया है और दूर देशो से भारत में यथासंभव चिकित्सीय मदद भेजी जा रही है| काफी दिनों से चर्चा में रही रूसी वैक्सीन “स्पूतनिक” की पहली डेढ़ लाख खुराक की खेप कल शनिवार को हैदराबाद के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी|
देश में कोविड वैक्सीन के कमी के चलते कुछ दिनों पहले भारत सरकार से स्पूतनिक को मंजूरी दी थी| विदेश मंत्रालय के अनुसार, रूस से मई महीने में 30 लाख खुराक तथा जून में 50 लाख खुराक और भारत में पहुचेंगी|
वही जर्मनी से 120 वेंटिलेटर को लेकर एक विशेष विमान भारत में शनिवार को पंहुचा और सूत्रों के अनुसार रेमडेसिविर और मोनोक्लोनल वैक्सीन की एक खेप शीघ्र ही भारत के लिए रवाना होगी, इसके साथ ही हफ्ते भर के अन्दर एक मोबाईल ऑक्सीजन
प्लांट भी भारत को कोरोना के खिलाफ जंग में मदद के तौर पर भेजेगा| इस समय 13 जर्मन इंजिनियर भारत में तकनीकी मदद और प्रशिक्षण के लिए मौजूद है|
अमेरिका जिसने कुछ दिन पहले ऑक्सीजन बनाने के कच्चे माल की आपूर्ति पर बन लगा दिया था, ने भारत को हजार से ज्यादा
ऑक्सीजन सिलेंडर एवं आवश्यक चिकित्सीय उपकरण का एक खेप भेजी है जोकि दो दिनों में तीसरा शिपमेंट है|
मित्र देश उज्बेकिस्तान ने 100 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर एवं जरूरी चिकित्सीय सामानों की एक खेप भारत को मदद स्वरुप भेजी है
इसके साथ ही उज्बेकिस्तान में भारतीय समुदाय के लोगो ने 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की मदद अपनी मात्रभूमि में भेजी है|