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कोरोना संकट: नुकसान से बचने को ‘भगवान’ का सहारा ले रहीं कंपनियां

नई दिल्ली-कोरोना के कारण संकट झेल रही भारतीय कंपनियां नुकसान से बचने के लिए अब भगवान का सहारा ले रही हैं। सैकड़ों कंपनियों ने एक्ट ऑफ गॉड प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए माल-सेवा की खरीद-फरोख्त, आपूर्ति का समझौता पूरा करने या बकाया चुकाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। भारत के कई बड़े उद्योग समूहों ने इसी प्रावधान के तहत लाइसेंस फीस, किराया या आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है। हाल ही में पीवीआर सिनेमा ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि लॉकडाउन के दौरान वह किराया नहीं चुका पाएगी। रिटेल चेन रिलायंस रिटेल, बिग बाजार, मैकडोनाल्ड ने भी लाइसेंस फीस या अन्य बकाया चुकाने में असमर्थता जता दी है। भारत की एलपीजी कंपनियों ने भी मांग में कमी को देखते हुए कतर से सौदे में तय गैस खरीदने से मना कर दिया है। देश के सबसे बड़े कंटेनर टर्मिनल गेटवे टर्मिनल ने भी यही कदम उठाया है। उच्चतम न्यायालय के के वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल लाहोटी ने कहा कि लॉकडाउन और महामारी का प्रकोप खत्म होने के बाद यह बड़ा मुद्दा बनेगा। फोर्स मेज्योर (अप्रत्याशित हालात) ऐक्ट ऑफ गॉड के तहत भारत में हजारों याचिकाएं कोर्ट में दायर हो सकती हैं। अगर दो पक्षों के बीच कांट्रैक्ट में उल्लेख न हो तो भी भारतीय संविदा कानून की धारा 56 के तहत मौजूदा ऐसे हालात में ऐक्ट ऑफ गॉड का इस्तेमाल हो सकता है। कोविड-19 महामारी तो इसकी शर्तों पर पूरी तरह खरी उतरती है, क्योंकि न तो यह महामारी इंसान ने खुद पैदा की, न ही वह उसके वश में है और न ही किसी को पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है। लाहोटी के मुताबिक, अगर पीड़ित को दूसरे पक्ष से राहत नहीं मिलती है तो यह मामला कोर्ट में तय होगा। बढ़ेंगे मामले – कोर्ट किसी एक केस में फैसला देता है तो दूसरे मामले में वह निर्णय का आधार बनेगा – बहुराष्ट्रीय कंपनियों का केस उच्चतम न्यायालय में नहीं सुलझा तो अंतरराष्ट्रीय पंचाट तक जा सकता है – सरकार को भी भुगतान या माल-सेवा की आपूर्ति के लिए मोहलत मांग सकती हैं कंपनियां – बैंक, बीमा, वित्तीय संस्थानों को देनदारी से जुड़े मामलों में भी इसका इस्तेमाल होगा क्या है एक्ट ऑफ गॉड लैटिन शब्द फोर्स मेज्योर या एक्ट ऑफ गॉड किसी कानूनी समझौते का एक प्रावधान है। युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं (तूफान, बाढ़, ज्वालामुखी, आग) जिन्हें हम भगवान की लीला यानी ऐक्ट ऑफ गॉड कहते हैं, के समय इसका सहारा लेकर कोई पक्ष कांट्रैक्ट को पूरा न कर पाने की मजबूरी जता सकता है। इससे वे जुर्माना, प्रतिबंध या कानूनी शिकंजे से बच सकती हैं। एक्ट ऑफ गॉड पर बन चुकी है बॉलीवुड फिल्म बॉलीवुड में कुछ साल पहले अक्षय कुमार और परेश रावल की एक फिल्म आई थी- OMG Oh My God। ये फिल्म भी एक्ट ऑफ गॉड पर बनाई गई थी।

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