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कोरोना से जंग में मिलेगी कामयाबी / भारत में साल के अंत तक आ सकता है टीका

नई दिल्ली. अमेरिका और चीन द्वारा कोरोना टीका सबसे पहले विकसित करने की होड़ के बीच खबर है कि हैदराबाद की टीका कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन विकसित कर लिया है। अमेरिका में इसका एनिमल ट्रायल शुरू हो चुका है। तीन से छह महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में सेफ्टी साबित हुई तो भारत में इसका ह्यूमन ट्रायल होगा। 2020 खत्म होने से पहले यह टीका इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकता है। यह टीका नेजल ड्रॉप के रूप में होगा यानी टीके की केवल एक बूंद नाक में डालनी होगी। कोरोफ्लू नाम का यह टीका कोरोना के साथ फ्लू का भी इलाज करेगा। भारत बायोटेक के सीएमडी व विज्ञानी डॉ. कृष्णा एला ने बताया कि कोविड-19 का वायरस नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और फेफड़ों में पहुंचकर उसे संक्रमित करता है, इसलिए टीका देने के लिए भी नाक का रास्ता चुना गया, ताकि यह वायरस पर तेज व गहरा असर कर सके। एक बॉटल में 10-20 बूंदें ही होंगी कंपनी ने तय किया है कि इसे मल्टी डोज वैक्सीन के रूप में तैयार किया जाएगा। यानी एक ही बोटल (बाइल) में 10 या 20 बूंदें होगी, ताकि इनका रखरखाव और डिलीवरी में आसानी हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जहां आंगनवाड़ी या आशा वर्कर काम करते हैं, वे इंजेक्शन नहीं दे सकते, ऐसे में इस टीके को देने की सरल विधि होना जरूरी है। नाक में केवल एक बूंद डालने का टीका होगा तो उसकी डिलीवरी बहुत आसान होगी। प्रतिवर्ष 30 करोड़ डोज बनाने की तैयारी डॉ. एला ने बताया कि कंपनी की तैयारी मांग के हिसाब से हर साल 30 करोड़ डोज बनाने की है। भारत में रेस्पिरेट्री पैथोलॉजी रिसर्च में कोई विशेषज्ञता नहीं है। देश में एनिमल ट्रायल और जीन सिंथेसिस सुविधा न होने के चलते टीके का एनिमल ट्रायल अमेरिका में कराना पड़ रहा है।

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