मुंबई,नवसत्ता: महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच केंद्र सरकार ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों को सीआरपीएफ कवर के साथ वाई+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. बागी विधायक रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे, सदानंद सरनावंकर, योगेश दादा कदम, प्रताप सरनाइक, यामिनी जाधव, प्रदीप जायसवाल, संजय राठौड़, दादाजी भूसे, दिलीप लांडे, बालाजी कल्याणर, संदीपन भुमारे को सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
शिवसेना के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी
इधर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने बागी विधायकों के खिलाफ जूते मारो आंदोलन किया. इस दौरान बागी विधायकों के पोस्टर्स पर जूते-चप्पल बरसाए. मुंबई में सामना दफ्तर के बाहर शिंदे गुट के विरोध में शिवसेना के कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
अदालत का दरवाजा खटखटाएगा शिंदे गुट
वहीं एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटाने के महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर कानूनी राय लेने के बाद एकनाथ शिंदे खेमा अदालत का दरवाजा खटखटाएगा. शिंदे गुट का कहना है कि डिप्टी स्पीकर को नोटिस का जवाब देने के लिए बागी विधायकों को कम से कम 7 दिन का समय देना चाहिए था.
दरअसल महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग को लेकर दी गयी अर्जी के आधार पर उन्हें समन जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा है. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उद्धव ठाकरे को बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है.