Navsatta
खास खबर

भीम निषाद के इंडि गठबंधन प्रत्याशी घोषित होते ही अन्य दलों में हलचल

रमाकांत बरनवाल 

सुलतानपुर, नवसत्ता  :- 16 मार्च को लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया व संसदीय क्षेत्र 38, सुलतानपुर से इंडि गठबंधन से समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया व प्रत्याशी के रूप में निषाद समुदाय के बीच में सक्रियता निभा रहे वर्तमान सपा प्रदेश सचिव भीम निषाद के ऊपर विश्वास जताते हुए सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव ने उन्हें मैदान में उतारा।भीम निषाद के गठबंधन प्रत्याशी बनते ही भाजपा सहित अन्य दल जिसके अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं हो सके उन राजनैतिक दलों में हलचल मच गया है।

प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी जो बीते वर्षों लोकसभा चुनावों में सुलतानपुर की सीट पर एक बार भी काबिज नहीं हो सकी वह भी जातीय समीकरण के आधार पर प्रत्याशी उतार अपनी उपस्थिति दर्ज कराना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी सुलतानपुर में सफल तो नहीं हो सकी फिर भी वह अन्य दलों को अच्छा खासा टक्कर देने में कभी पीछे नहीं रही।इस बार तो चार पांच महीने पहले से ही समाजवादी पार्टी नेतृत्व यहां का टोह लेने पार्टी के सक्रिय व निषाद समुदाय में अपनी पैठ व पहुंच रखने वाले पदाधिकारी प्रदेश सचिव भीम निषाद को सुलतानपुर भेजा और  केन्द्रीय नेतृत्व के इशारे पर जनपद में निषाद व अन्य पिछड़े वर्ग तथा अनुसूचित जाति जनजाति व मुस्लिम वर्ग के बीच चौपाल आदि का कार्यक्रम आयोजित कर सम्पर्क में लग भी गए जिसका प्रतिफल हुआ कि  सपा नेतृत्व ने विश्वास जता उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया ।

श्री भीम निषाद सुलतानपुर जनपद के पांच विधानसभा क्षेत्र के 14 ब्लाकों के 426 निषाद वस्तियों में अभी तक 350 निषाद वस्तियों में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन भी कर चुके हैं व उन्होंने अच्छी खासी पकड़ भी बना रखा है। भीम निषाद पूरे प्रदेश में निषादों के सुख-दुख में जुड़ने के साथ गोरखपुर में भी निषाद समुदाय के लिए वर्षों से संघर्ष करने का एक रिकॉर्ड कायम किया है जिससे सपा प्रमुख काफी प्रभावित भी बताए जा रहे हैं।

भीम निषाद का जन्म आजमगढ़ जनपद के चतुरपुर मधईपट्टी गांव में हुआ जो राजनीति शास्त्र से परास्नातक भी हैं जिन्होंने अपना पूरा समय सामाजिक सरोकारों से जुड़ राजनीति के लिए समर्पित कर दिया है और साथ ही साथ अपने पिता व सात भाइयों के सहयोग से लखनऊ व अन्य कई शहरों में रियल एस्टेट के व्यवसाय में लगे रहते हैं उन्होंने *नवसत्ता समाचारपत्र संवाददाता* के साथ एक साक्षात्कार में अपने विचार भी साझा किया।

भीम निषाद ने बताया कि सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहते उन्होंने अपने राजनैतिक कैरियर की शुरूआत गोरखपुर से बहुजन समाज पार्टी के जमुना निषाद जी के साथ रहकर किया जो सात बार विधानसभा व लोकसभा का चुनाव भी लड़े व जीवन के संघर्ष में 2007 मे विधानसभा का चुनाव बहुजन समाज पार्टी से लड़कर जीता तथा वे बसपा सरकार में मत्स्य कल्याण एवं सैनिक प्रकोष्ठ के स्वतंत्र प्रभार के मंत्री भी बने जिन्हें 7 महीने मंत्री बने हुए बीता था कि तभी जनपद महाराजगंज की सरोज बाला नामक  बालिका के साथ हुए दुराचार को लेकर जमुना जी आन्दोलित हुए तथा न्याय दिलाने के लिए मंत्री जी को जेल भी जाना पड़ा पर एक भी सांसद विधायक या किसी मंत्री या समाज के पैसे वालों ने जमुना निषाद का साथ तक नहीं दिया और यहां तक कि माननीय मंत्री जी से जेल में कोई मिलने तक नहीं गया तब वे स्वयं यानी भीम निषाद उनके लिए संघर्ष कर उन्हें उच्चतम न्यायालय तक की पैरवी कर जेल से बाहर कराने का कार्य किया तथा समाज का गौरव बढ़ाया जिसमें उनका व्यक्तिगत लाखों खर्च हुआ।

श्री भीम निषाद ने बताया कि जमानत मिलने के 21 दिन बाद ही मंत्री जी की दुर्घटना में मौत हो गयी पर वे हिम्मत नहीं हारे और वहीं से वे अपनी सक्रियता को आगे बढ़ाया तथा उनकी राजनीतिक शुरुआत हुई तब से वे समाज की सेवा में निरन्तर लगे हुए हैं व उसी क्रम में ही गोरखपुर जनपद में खजनी विधानसभा के एक गांव जहां 300 निषाद बस्ती के लोगों का घर जलकर राख हो गया था वहां समाज के सहयोग से राशन से लेकर कपड़े तक की व्यवस्था कराने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि जौनपुर जनपद के शाहगंज तहसील में भी पिलकिछा गांव में आग लगने की घटना जहां निषाद बस्ती के कई लोगों का घर जल गया था वहां भी इन्होंने राशन व कपड़े आदि की व्यवस्था में सक्रियता से लगे रहे।

श्री भीम निषाद वर्ष 2012 में पहली बार अम्बेडकर नगर जहां उन्होंने अपना आवास तो बनाया ही है वहां के सेमरा बाजार में अपना मैरेज लान भी संचालित कर रहे हैं वहां विधानसभा जलालपुर से विधानसभा  चुनाव की तैयारी में जुट गए पर उनकी सक्रियता के बावजूद उन्हें न तो बसपा और न किसी अन्य राजनीतिक दल ने ही उन्हें टिकट दिया तो वे निर्दलीय उगता सूरज चुनाव चिह्न ले मैदान में उतरे जिन्हें पहली बार में ही 29 920 मत मिले व सभी समीकरण पर अच्छा खासा असर डाला।

श्री भीम निषाद जी की समाज में पैठ व उनकी सक्रियता देख समाजवादी पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनकी कार्य करने के तरीके व क्षमता को पहचान उन्हें प्रदेश भर के निषाद व अन्य समाज के बीच कार्य करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंप दिया और तब से ही भीम निषाद इसी क्रम में लग समाजवादी पार्टी के साथ हो गए और समय आया उन्हें सुलतानपुर से गठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया।

भीम निषाद पूरे आत्मविश्वास के साथ इस बार सुलतानपुर लोकसभा की सीट समाजवादी पार्टी के पाले में करने का संकल्प दुहराया।

संबंधित पोस्ट

पश्चिम बंगाल और झारखंड में लगभग एक दर्जन स्थानों पर ED की छापेमारी जारी

navsatta

असम में हुए 105 करोड़ के घोटाले की आरोपी निलंबित आईएएस सेवाली देवी शर्मा दामाद संग हुई गिरफ्तार

navsatta

बांदा में 28 किलो विस्फोटक के साथ 3 गिरफ्तार

navsatta

Leave a Comment