ओडिशा, नवसत्ताः ओडिशा में शनिवार सुबह हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है, बताया जा रहा है, कि कोरोमंडल एक्सप्रेस व बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में करीब 2000 से ज्यादा यात्री सवार थे। जिनमें से 288 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, अन्य 1175 लोग घायल हुए है। जिनमें से 793 लोगों का प्रथमिक उपचार करके उनको घर भेज दिया गया है और बाकी के 382 लोगों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वहीं बालासोर में हुए इस हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज सुबह दुर्घटनास्थल पर जा कर वहां चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ट्रेन हादसे की वजह के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मामले की जांच की है। हादसे के कारण का पता लग गया है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। रेल मंत्री ने खुलासा किया कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है।
जिसके बाद उन्होंने कहा कि कल प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर तेजी से काम चल रहा है। कल रात एक ट्रैक काम लगभग पूरा हो गया। आज एक ट्रैक की पूरी मरम्मत करने की कोशिश रहेगी। सभी डिब्बों को हटा दिया गया है। शवों को निकाल लिया गया है। कार्य तेजी से चल रहा है। कोशिश है कि बुधवार की सुबह तक सामान्य रूट चालू हो जाए। रेल मंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मरम्मत कार्य को देखने के लिए दुर्घटना स्थल पर मौजूद हैं।
इसी के साथ आपको बता दे कि बालासोर में ट्रिपल ट्रेन हादसे को लेकर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने एक बातचीत के दौरान सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री खुद बहुत दुखी हैं। वो हाईलेवल कमेटी बिठाएंगे, जिससे हकीकत सामने आएगी। मैं यही कहना चाहता हूं कि कमेटी को कुछ भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे 2010 में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर के पास 10 महीने रेल नहीं चली थी, तो वो भी एक वक्त था। तो कोई भी ऐसा एंगल हो तो जांच कमेटी को उसे छोड़ना नहीं चाहिए। ये एक साजिश भी हो सकती है, क्योंकि इसकी टाइमिंग अजीब है।
इसी के साथ उन्होनें आगे कहा कि मैं घटनास्थल के वीडियो और फोटो देख रहा था। मुझे ऐसा लगा जैसे भूकंप आया है। फिलहाल सही जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें जापान की तरह ऐसी टेक्नोलॉजी लानी चाहिए, जिससे एक भी यात्री की जान ना जाए।
हादसे की जानकारी देने वाला शख्स
बता दे कि बालासोर में शनिवार सुबह को हुए इस दर्दनाक हादसे की जानकारी सबसे पहले एनडीआर के एक जवान ने दी थी। दरअसल, वह ये कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार था और छुट्टी पर अपने घर जा रहा था। हादसे के बाद जवान ने घटना की जानकारी अपने कंट्रोल रूम में भेजने के साथ- साथ कंट्रोल रूम को घटनास्थल की लाइव लोकेशन भी भेजी।
साथ साथ ही जवान ने बताया कि “एक्सीडेंट होते ही मुझे जोर का झटका लगा और फिर मैंने अपने कोच में कुछ यात्रियों को गिरते हुए देखा। मैंने पहले यात्री को बाहर निकाला और उसे रेलवे ट्रैक के पास एक दुकान में बिठाया। फिर मैं दूसरों की मदद के लिए दौड़ा। मैंने हादसे की कुछ फोटो और लाइव लोकेशन कोलकाता ऑफिस में भेजी। इसके बाद उन्होंने ही ओडिशा में स्थानीय प्रशासन को हादसे की खबर दी गई। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि “एनडीआरएफ का जवान हमेशा ड्यूटी पर होता है चाहे वह वर्दी पहने हो या नहीं।