नई दिल्ली, नवसत्ताः जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर लगे 60 करोड़ रुपये के कथित रिश्वत आरोप के मामले में शुक्रवार को सीबीआई की एक टीम आरकेपुरम आवास पर पहुंची। जिसके बाद सत्यपाल मलिक लगे भ्रष्टाचार मामले में पूछताछ की।
आपको बता दे कि 23 मार्च, 2022 को डॉ. मोहम्मद उस्मान खान, जेकेएएस, उप सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, जम्मू-कश्मीर सरकार का एक पत्र रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड को जम्मू-कश्मीर सरकारी कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने में कदाचार के मामले में प्राप्त हुआ था। जिस पर सीबीआई जांच की जिसके बाद कहा,आरोपों ने प्रथमदृष्टया खुलासा किया कि, ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोक सेवकों के साथ साजिश और मिलीभगत से जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके यह अपराध किया है।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टीम ने भ्रष्टाचार के उनके दावों पर स्पष्टीकरण मांगा है। मामला एक स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ा है। जिसे कथित तौर पर आगे बढ़ाने के लिए कहा गया था। दरअसल, सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी जिसके चलते पिछले साल सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था और छह राज्यों में छापेमारी की थी।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से स्पष्टीकरण मांगने के लिए सीबीआई के ताजा नोटिस के बाद मलिक ने ट्वीट किया था, “मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पापों का पर्दाफाश किया है। शायद इसलिए मुझे बुलाया गया है। मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं घबराऊंगा नहीं।” मैं सच के साथ खड़ा हूं।” सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों और जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की।