लखनऊ,नवसत्ताः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी निकाय चुनाव के लिए गत 5 दिसम्बर को जारी नोटिफिकेशन को खारिज करते हुए बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने के आदेश दिए है। कोर्ट ने कहा है कि बिना ट्रिपल टेस्ट के कोई आरक्षण तय नहीं होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव तत्काल कराने के भी आदेश दिए है।
न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने 87 पेज के अपने फैसले में कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्ट ना हो, तब तक आरक्षण नहीं माना जाएगा। हाईकोर्ट ने 2017 के ओबीसी रैपिड सर्वे को नकार दिया है। खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दाखिल 93 याचिकाओं पर एक साथ आदेश पारित किया है। यूपी सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
ओबीसी आरक्षण के लिए कमीशन बनाने का निर्देश
हाईकोर्ट के 70 पेज के फैसले के बाद यूपी में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए यूपी सरकार एक कमीशन बनाए। अगर सरकार और निर्वाचन आयोग चाहे तो बगैर ओबीसी आरक्षण तुरंत ही चुनाव करा सकती है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूपी सरकार की तरफ से जारी ओबीसी आरक्षण नोटिफिकेशन रद हो गया है। अगर सरकार चुनाव कराती है तो ओबीसी सीटों को जनरल ही माना जाएगा। वहीं एससी और एसटी सीटों के लिए सीटें पहले जैसी ही रहेंगी यानि उनमें कोई फेरबदल नहीं होगा।