लखनऊ,नवसत्ता: यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही समाजवादी पार्टी में मुस्लिम नेताओं की बगावत जारी है. इसी क्रम में अब मुस्लिम नेताओं का एक खेमा मुस्लिमों को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहा है. वहीं शुक्रवार को सपा नेता कासिम राईन ने भी अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि मोहम्मद कासिम राईन सुल्तानपुर जिले के कोइरीपुर नगर पंचायत के नगर अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
कासिम राईन ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने में कोई रुचि नहीं है. आजम खां का पूरा परिवार जेल में डाल दिया गया पर अखिलेश यादव नहीं बोले. नाहिद हसन को जेल में डाल दिया गया और सहिजल इस्लाम का पेट्रोल पंप गिरा दिया गया लेकिन सपा अध्यक्ष ने इस पर आवाज नहीं उठाई. कासिम राईन ने कहा कि सपा अध्यक्ष के मुसलमानों के प्रति इस तरह के व्यवहार से खिन्न होकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.
इससे पहले सपा नेता सलमान जावेद राईन भी अखिलेश यादव को कायर बताते हुए इस्तीफा दिया था. वहीं संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमन बर्क ने तो यहां तक कह दिया कि समाजवादी पार्टी ही मुसलमानों के हितों में काम नहीं कर रही. बाद में बयान आया कि जुबान फिसल गई थी.
इसके बाद सपा के कद्दावर नेता आजम खां के करीबी और मीडिया प्रभारी फसाहत खान ने सपा मुखिया को कटघरे में खड़ा कर दिया था. अभी हाल में हुए आम चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने एकतरफा सपा को वोट किया है. इन वोटरों के एकतरफा का अदांजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि दूसरे दलों से उतरे कई कद्दावर मुस्लिम चेहरों को अपनी बिरादरी के वोट तक के लिए तरस गए.