Navsatta
खास खबरचर्चा में

12 रूपये तक बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम!

मंहगाई की मार,पांच दिनों में ही बढ़ी तीन रूपये से अधिक कीमत

संवाददाता

नई दिल्ली,नवसत्ताः चुनाव के कारण स्थिर रही पेट्रोल-छीजल की कीमतों में मानो आग लग गई है। बीते पांच दिनों में ही चार बार रू तीन से अधिक दाम बढ़ चुके हैं। जानकारों के मुताबिक घाटा कम करने के लिए पेट्रोलियम कंपनियां 12 रूप्ये तक दाम बढ़ा सकतीं हैं। इसका असर बढ़ती महंगाई के रूप में हर क्षेत्र में देखने का मिलेगा।

पेट्रोल और डीजल के दामों में आज फिर से 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। रिकॉर्ड 137 दिनों तक पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर रहने के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले पांच दिनों में चैथी बार बढ़ोतरी की गई है। इस हफ्ते चैथी बार ईंधन की कीमतों में 80 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। जून 2017 में दैनिक मूल्य संशोधन शुरू होने के बाद से ये बढ़ोतरी एक दिन की सबसे तेज वृद्धि है।

तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) की जानकारी के मुताबिक, भारत में कच्चे तेल की खरीदारी मार्च मंे बढ़कर 117.39 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो 2012 के बाद सबसे ज्यादा है। यह पिछले साल नवंबर की शुरुआत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ठंड के समय कच्चे तेल की इंडियन बास्केट के औसत 81.5 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में है।

नौ से 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है

विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया। ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रालियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं।

क्रिसिल रिसर्च के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से पूरी तरह से पार पाने के लिए दरों में नौ से 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की आवश्यकता है। भारत अपनी तेल की जरूरतें पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।

दाम न बढ़ने से हुआ घाटा
रिपोर्ट के मुताबिक देश की शीर्ष तीन पेट्रोलियम कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद ईंधन के दाम नहीं बढ़ाने की वजह से नवंबर से मार्च, 2022 तक 2.25 अरब डॉलर (करीब 19,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। ये नुकसान इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को हुआ है।

रूस-यूक्रेन युद्ध का आंशिक असर
यूरोप को लगभग एक तिहाई रूसी गैस आपूर्ति आमतौर पर यूक्रेन को पार करने वाली पाइपलाइनों के माध्यम से होती है। लेकिन भारत के लिए, रूसी आपूर्ति का प्रतिशत बहुत कम है। जबकि भारत ने 2021 में रूस से प्रति दिन 43,400 बैरल तेल का आयात किया (इसके कुल आयात का लगभग 1 प्रतिशत), 2021 में रूस से 1.8 मिलियन टन कोयले का आयात सभी कोयले के आयात का 1.3 प्रतिशत था। घरेलू ईंधन की कीमतें, सीधे अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों से जुड़ी हैं, क्योंकि भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है।

घर से निकलने से पहले चेक करें अपने शहर का रेट

आप भी अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना SMS के जरिए भी चेक कर सकते है। इंडियन ऑयल (IOC) के उपभोक्ता RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर व एचपीसीएल (HPCL) के उपभोक्ता HPPRICE <डीलर कोड> लिखकर 9222201122 नंबर पर भेज सकते हैं। बीपीसीएल (BPCL) उपभोक्ता RSP<डीलर कोड> लिखकर 9223112222 नंबर पर भेज सकते हैं।

संबंधित पोस्ट

लखनऊः ईको गार्डन में जुटे 15 हजार किसान, 300 यूनिट फ्री बिजली देने की रखी मांग

navsatta

स्वच्छ्ता और सुरक्षा का मानक बने छठ महापर्व: मुख्यमंत्री

navsatta

खादी बोर्ड व फ्लिपकार्ट का साथ ग्रामीण उद्यमियों के लिए बना वरदान

navsatta

Leave a Comment