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हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं, कोर्ट ने खारिज की छात्राओं की याचिका

उमर अब्दुल्ला ने फैसले पर जतायी नाराजगी

नई दिल्ली,नवसत्ता: हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. इसलिए स्कूलों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. साथ ही हाईकोर्ट ने मामले में 5 फरवरी को कर्नाटक सरकार द्वारा दिए गए आदेश को निरस्त करने से भी इनकार कर दिया है.

कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी की बेंच उडुपी की मुस्लिम छात्राओं की याचिका पर सुनवाई के लिए गठित की गई थी. इन लड़कियों ने मांग की थी कि उन्हें क्लास में स्कूली यूनिफॉर्म के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए क्योंकि ये उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है.

आपको बता दें कि 9 फरवरी को गठित पीठ ने पिछले दो हफ्तों में दिन-प्रतिदिन के आधार पर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की. 10 फरवरी को उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था कि छात्राओं को सुनवाई के अंत तक कक्षाओं में कोई भी धार्मिक पोशाक नहीं पहननी चाहिए. 23 फरवरी को इसने आदेश को स्पष्ट किया और कहा कि यह सभी डिग्री और पीयू कॉलेजों में ड्रेस कोड पर लागू होता है.

सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ता अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं. वकील शाहुल ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर परामर्श कर रहे हैं. एक बार विस्तृत आदेश आने के बाद, हम इसका विश्लेषण करेंगे और सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.’

सरकार से कक्षाएं शुरू करने का अनुरोध

फैसले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि हम राज्य से अनुरोध करते हैं कि सरकार दूसरे संस्थानो को फिर से खोले. शिक्षण संस्थानों और छात्रों को वापस स्कूल जाने की इजाजत दें. जल्द से जल्द कक्षाएं शुरू की जाएं.

आदेश का पालन करना चाहिए- सीएम

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, हमें कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए. मैं सभी अधिकारियों से फैसले को स्वीकार करने की अपील करता हूं.’

समानता के लिए स्कूल यूनिफॉर्म सही- शिक्षा मंत्री

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, ‘यूनिफॉर्म सिर्फ यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी छात्र समान महसूस करें, इसलिए देश के युवाओं के दिमाग में कोई हीन भावना या श्रेष्ठता का भाव पैदा नहीं होता है.’

सब एक होकर पढ़ाई करें: प्रह्लाद जोशी

कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब फैसले पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं. सभी लोगों से अपील करता हूं कि देश और राज्य को आगे बढ़ाएं. हम सबको शांती का माहौल बनाकर रखना है. छात्रों का मूलभूत काम अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है. सब लोग एक होकर पढ़ाई करें.

कोर्ट ने मूल अधिकार को बरकरार नहीं रखा- उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से बहुत निराश हूं. आप हिजाब के बारे में कुछ भी सोच सकते हैं, यह कपड़े के बारे में नहीं है, यह एक महिला के अधिकार के बारे में है कि वह कैसे कपड़े पहनना चाहती है. कोर्ट ने इस मूल अधिकार को बरकरार नहीं रखा यह एक मजाक है.’

फैसले से खुश नहीं महबूबा मुफ्ती

हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘कर्नाटक हाई कोर्ट का हिजाब प्रतिबंध को बनाए रखने का निर्णय बेहद निराशाजनक है. एक तरफ हम महिलाओं को सशक्त बनाने के बारे में बात करते हैं, फिर भी हम उन्हें एक साधारण विकल्प के अधिकार से वंचित कर रहे हैं. यह केवल धर्म से जुड़ा नहीं है बल्कि चुनने की स्वतंत्रता से जुड़ा है.’

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