Navsatta
खास खबरचर्चा मेंदेशविदेश

यूरोपीय संघ रूस के बैंक और उर्जा क्षेत्रों पर लगाएगा बैन

नई दिल्ली, नवसत्ता: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बनाए रखने की अपील के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया और अब तक के जंग में यूक्रेन को खासा नुकसान हुआ है. रूस पर दबाव बनाने की कोशिश लगातार जारी है. हालांकि आज दूसरे दिन भी उसकी ओर से यूक्रेन पर हर तरह के हमले किए जा रहे हैं. जंग के बीच यूरोपीय संघ के नेता ब्रसेल्स में करीब छह घंटे चली बैठक के बाद रूस पर और आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाने पर सहमत हो गए हैं. यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष ने रूस पर यूक्रेन पर अपने आक्रमण को सही ठहराने के लिए ‘झूठे और बेकार बहाने बनाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रतिबंधों से रूसी सरकार को नुकसान होगा.

इन प्रतिबंधों के कानूनी मसौदे को रात में अंतिम रूप दिए जाने और शुक्रवार को यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है. यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि इसमें 70 प्रतिशत रूसी बैंकिंग बाजार और प्रमुख सरकारी कम्पनियों को निशाना बनाना शामिल है.

उन्होंने कहा कि रूस के ऊर्जा क्षेत्र को भी निशाना बनाया जाएगा जिससे उसके लिए ‘अपने तेलशोधक कारखानों को अद्यतन करना असंभव हो जाएगा. रूस को सॉफ्टवेयर, सेमीकंडक्टर्स आदि की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगेगा.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चीन पर ऐसे समय में व्यापार प्रतिबंधों में ढील देकर रूस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जब अधिकतर देश यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मॉरिसन ने यह बयान दिया. खबर में दावा किया गया था कि चीन ने घोषणा की है कि वह रूसी गेहूं के आयात के लिए पूरी तरह तैयार है.

यूक्रेन पर हमले के जवाब में जापान ने रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने आज कहा कि नए उपायों में रूसी समूहों, बैंकों और लोगों की संपत्ति पर रोक लगाना और रूस में सैन्य संबद्ध संगठनों को अर्धचालक और अन्य जरूरी सामानों का निर्यात रोकना शामिल है.

दूसरी ओर, यूक्रेन पर हमला करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान होने की संभावना है. साथ ही प्रस्ताव में रूसी बलों की यूक्रेन से तत्काल वापसी की मांग भी की जाएगी. अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का मानना है कि इसे रूस द्वारा वीटो किया जा सकता है, लेकिन रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए प्रस्ताव पर मतदान होना महत्वपूर्ण है.

संबंधित पोस्ट

बच्चों ने निकाली मतदान जागरूकता रैली

navsatta

जानियें गूगल पर क्यो लगा 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना

navsatta

जवानों की बोलेरो को ट्रक ने मारी टक्कर, सीआरपीएफ के 3 जवानों की मौत, एक गंभीर रूप से घायल

navsatta

Leave a Comment