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यौन शोषण के आरोप में आईआईआईटीएम के सेवानिवृत्त सुरक्षा अधिकारी गिरफ्तार

ग्वालियर,नवसत्ता: मध्य प्रदेश में ग्वालियर में एबीवी-आईआईआईटीएम के सेवानिवृत्त सुरक्षा अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है. इन पर पूर्व छात्रा के साथ यौन शोषण का आरोप है. वहीं पूर्व निदेशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.

ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि मामले में मुख्य आरोपी अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंध संस्थान (एबीवी-आईआईआईटीएम) के सेवानिवृत्त सुरक्षा अधिकारी दिनेश द्विवेदी को उत्तर प्रदेश के इटावा से गिरफ्तार किया गया.

नौकरी दिलाने के बहाने किया दुष्कर्म

एसपी अमित सांघी ने बताया कि शिकायतकर्ता छात्रा मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है. प्राथमिकी के अनुसार, छात्रा ने 2015 में आईआईआईटीएम में एमटेक पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था. एसपी के मुताबिक, छात्रा ने आरोप लगाया है कि 2017 में जब वह अपनी डिग्री लेने ग्वालियर पहुंची, तब आईआईआईटीएम के तत्कालीन सिक्योरिटी अफसर दिनेश द्विवेदी उसे संस्थान में नौकरी दिलाने के बहाने एक फ्लैट में ले गए. प्राथमिकी के हवाले से एसपी ने बताया कि द्विवेदी ने उससे नौकरी के बदले पांच लाख रुपये की मांग की और तब उन्होंने फोन पर आईआईआईटीएम के तत्कालीन निदेशक से उसकी बात भी कराई थी.

नशीला पेय पिलाकर दुष्कर्म का आरोप

एसपी के अनुसार, बाद में द्विवेदी ने कथित तौर पर छात्रा को नशीला पेय पिलाकर फ्लैट में उसके साथ दुष्कर्म किया. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि इस घटना के बाद द्विवेदी ने लंबे समय तक उसका बार-बार यौन शोषण किया. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उसने नौकरी दिलाने के वादे पर द्विवेदी को 3.60 लाख रुपये का भुगतान भी किया था, लेकिन जब उन्होंने छात्रा को ब्लैकमेल करना जारी रखा तो छात्रा ने हजीरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.

पूर्व निदेशक के खिलाफ केस दर्ज

एसपी सांघी ने कहा कि द्विवेदी और आईआईआईटीएम के पूर्व निदेशक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दुष्कर्म और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है.

सांघी के मुताबिक, सेवानिवृत्त सुरक्षा अधिकारी को रविवार सुबह इटावा से गिरफ्तार कर लिया गया और यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि शिकायतकर्ता ने जिस व्यक्ति से फोन पर बात करने का दावा किया है, वह आईआईआईटीएम के तत्कालीन निदेशक थे या नहीं.

आईआईआईटीएम के पूर्व निदेशक ने संपर्क करने पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्होंने तीन साल पहले संस्थान छोड़ दिया था. पूर्व निदेशक ने इस घटनाक्रम पर आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. सभी आरोप निराधार हैं. पुलिस ने अब तक मुझसे संपर्क नहीं किया है.’

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