चण्डीगढ़,नवसत्ता: हरियाणा में बलात्कार और मर्डर मामले में जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा बाबा राम रहीम आखिर कार जेल से बाहर आ ही गया. दरअसल गुरमीत राम रहीम सिंह को 21 दिन की फरलो मिल गई है.
बता दें कि फरलो एक छुट्टी की तरह है जिसमें जेल में सजायाफ्ता बंदियों को छुट्टी मिलती है और तय समय के लिए वह अपने घर जा सकते हैं. हालांकि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मिली इस फरलो के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.
वहीं, इससे पहले राम रहीम अलग-अगल कारणों के चलते राम रहीम को पैरोल तो मिली है, मगर फरलो पहली बार मिली है. वह भी 21 दिन यानि की तीन हफ्ते की. फिलहाल बाबा रोहतक की सुनरिया जेल में बंद है. इस दौरान राम रहीम को फरलो देने को लेकर कई चीजों से जोड़कर देखा जा रहा है. जहां पर राम रहीम पहली बार सिरसा डेरा पहुंचेगा. वहीं, सिरसा डेरे में भी अनुयायियों का जुड़ना शुरू हो गया है. ऐसे में पंजाब में चुनाव भी हैं तो राम रहीम के बाहर आने के चलते सियासी चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं.
बता दें कि गुरमीत राम रहीम को साध्वी दुष्कर्म मामले में पंचकूला की कोर्ट में बीते 25 अगस्त 2017 को पेश किया गया था. इस दौरान सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए सुनारिया जेल में भेज दिया था. हालांकि बीते 27 अगस्त को इस मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में ही सीबीआई की कोर्ट लगाई गई, जिसमें रामरहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई. वहीं, पत्रकार मर्डर केस में भी राम रहीम को दोषी करार दिया गया था. इसी दिन से रामरहीम जेल में सजा काट रहा है.
गौरतलब है कि पंजाब में 300 के करीब डेरे हैं. इनमें से करीब 10 डेरों के समर्थकों की संख्या लाखों में है, जिनमें राधास्वामी ब्यास, डेरा सच्चा सौदा, निरंकारी, नामधारी, दिव्य च्योति जागृति संस्थान, डेरा सचखंड बल्लां, डेरा बेगोवाल के नाम प्रमुख हैं. वहीं, पंजाब चुनाव में अगर डेरों का समर्थन मिल जाए तो पार्टियों को बड़ा वोट बैंक हासिल हो सकता है. यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से लेकर शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दिनों डेरा ब्यास व डेरा सचखंड बल्लां में नतमस्तक होने पहुंचे थे. हालांकि इनमें से कोई भी नेता इस बार अब तक कोई डेरा सच्चा सौदा नहीं गया है.