बलरामपुर,नवसत्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर से गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लंबी सरयू नहर परियोजना का 11 दिसंबर को बलरामपुर से उद्घाटन करेंगे. यह परियोजना पूर्वांचल में बाढ़ और सूखे की समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकती है.
प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध की तपोस्थली और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं भारतीय जनसंघ के दिवंगत नेता नानाजी देशमुख की कर्मस्थली पर बनी इस परियोजना के उद्घाटन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश एवं प्रदेश ही नहीं पूरी, दुनिया को बड़ा संदेश देंगे. मंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने नदियों को जोडऩे की योजना बनाई थी और इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही उनका सपना भी साकार हो रहा है.
महेंद्र सिंह ने बताया कि घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के 25 से 30 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.
मंत्री ने बताया कि करीब 9,802 करोड़ रूपए लागत वाली इस परियोजना से 14.04 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और नेपाल से आने वाले पानी के चलते विभिन्न इलाकों में हर साल आने वाली बाढ़ जैसी विभीषिका का जोखिम कम होगा. यह परियोजना काफी समय से लंबित थी. यह परियोजना देश की उन 99 परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्ण करने के लिए चुना.
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने ‘इस पर अधिक ध्यान नहीं’ दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उक्त परियोजना अब पूरी हुई है.
बहराइच के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने गुरुवार को इस संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री के बलरामपुर दौरे के मद्देनजर बहराइच प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है. इसके लिए एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. बहराइच की पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने बताया कि नहर का उद्गम घाघरा एवं सरयू नदियों पर बना बहराइच का सरयू बैराज है. परियोजना के उद्घाटन के समय बैराज से पानी छोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आज यहां का दौरा करेंगे.