नई दिल्ली,नवसत्ता : देश भर में आज 28वां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों को संबोधित किया. साथ ही इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने 28 वें एनएचआरसी स्थापना दिवस पर कहा, ‘दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं. हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर उन्हें नए अधिकार प्रदान किए. हमारी सरकार ने भी मुस्लिम महिलाओं को हाजी के दौरान ‘महरम’ की मजबूरी से मुक्त किया.
उन्होंने कहा कि कई मौके आए जब दुनिया भटकी पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा. उन्होंने कहा कि ये हम सभी का सौभाग्य है कि आज अमृत महोत्सव के जरिए हम महात्मा गांधी के उन मूल्यों और आदर्शों को जीने का संकल्प ले रहे हैं. मुझे संतोष है कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत के इन नैतिक संकल्पों को ताकत दे रहा है, अपना सहयोग कर रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मज़बूर था, उब गरीब को जब शौचालय मिलता है, तो उसे प्रतिष्ठा भी मिलती है. जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है. भारत ने इसी कोरोना काल में गरीबों, असहायों, बुजुर्गों को सीधे उनके खाते में आर्थिक सहायता दी है. प्रवासी श्रमिकों के लिए ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की सुविधा भी शुरू की गई है, ताकि वो देश में कहीं भी जाएं, उन्हें राशन के लिए भटकना न पड़े.
बता दें कि मानवाधिकार संरक्षण कानून, 1993 के तहत आयोग की स्थापना 12 अक्तूबर 1993 को मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ की गई थी. एनएचआरसी मानवाधिकारों के उल्लंघन का संज्ञान लेता है, जांच करता है और सार्वजनिक प्राधिकारों द्वारा पीडि़तों को दिए जाने के लिए मुआवजे की सिफारिश करता है.