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नोएडा ट्विन टावर प्रकरण: सीएम योगी ने दिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

लखनऊ,नवसत्ता : नोएडा ट्विन टावर प्रकरण में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि ये योजना 2004 से चल रही थी। शासन स्तर से विशेष जांच समिति गठित होगी। पूरे मामले की गंभीरता से जांच होगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका देते हुए नोएडा स्थित एमरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट को अवैध ठहराया और दोनों 40 मंजिला टावरों को ढहाने का आदेश दिया है। मामले में सीएम योगी ने कहा कि नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट बिल्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। अनियमितताओं का यह प्रकरण 2004 से लगातार चलता रहा है। शासन स्तर से विशेष जांच समिति गठित कर उक्त प्रकरण की गहन जांच कराई जानी चाहिए। एक-एक दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकतानुसार आपराधिक केस भी दर्ज किया जाए। इस संबंध में तत्काल कार्यवाही की जाए।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा में ट्विन टावरों के सभी फ्लैट मालिकों को 12 फीसदी ब्याज के साथ पैसे वापस किए जाएं। कोर्ट ने बिल्डर को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को 2 करोड़ रुपए का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लगभग 1,000 फ्लैटों वाले ट्विन टावरों के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया। कंपनी को अपनी लागत से ही 2 महीने की अवधि में इन्हें तोडऩा होगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को टावरों को गिराने का आदेश दिया है ताकि सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा सके।

पीठ ने पाया कि मानदंडों के उल्लंघन में नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर में मिली भगत थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह ने इस मामले की सुनवाई की। बता दें कि वर्ष 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इन टावर्स को गिराने का निर्देश दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना है।

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