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श्रावण मास के चार सोमवार के चार अद्भुत संयोग, जानिए कैसे शिव पूजा का मिलेगा कई गुना शुभ फल

लखनऊ,नवसत्ताः श्रावण मास में इस बार चार सोमवार हैं। आज पहले सोमवार को
बन रहे हैं सबसे शुभ योग, जानिए विस्तार से

पहला सोमवारः आज श्रावण मास का पहला सोमवार है। धन प्रदाता धनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य के बाद शोभन योग, वरियान और महाशुभ नामक औदायिक योग है। आज के व्रत से आर्थिक लाभ और दरिद्रता का शमन होगा।

दूसरा सोमवारः दो अगस्त को श्रावण मास का दूसरा सोमवार है। इस दिन कृतिका के बाद रोहिणी नक्षत्र, वृद्धि योग, गर करण और सुस्थिर नामक औदायिक योग है। चंद्रमा उच्चाभिलाषी है। इस दिन के व्रत से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति एवं संतान पक्ष के अभ्युदय का योग मिलेगा।

तीसरा सोमवारः नौ अगस्त को श्रावण मास का तीसरा सोमवार है। इस दिन अश्लेषा के बाद मघा नक्षत्र, वरियान योग, किंस्तुघ्न करण और औदायिक योग सौम्य का मान है। इस दिन के व्रत से पुण्य की अभिवृद्धि और पूर्वाजित पापों का क्षय होगा।

चाौथा सोमवारः 16 अगस्त को श्रावण मास का चाौथा सोमवार है। इस दिन अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्म योग, वरियान और मानस नाम का औदायिक योग है। इस दिन के व्रत से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।

कैसे करें पूजा और क्यों रखें व्रत

सोमवार का ग्रह चंद्र ग्रह है। सोमवार की प्रकृति सम है। यह भगवान शिव और चंद्रदेव का दिन है। जीवन में सुख, मानसिक शांति और अच्छी सेहत के लिए सोमवार के दिन उपवास रखना चाहिए। यदि कुंडली में चंद्र की स्थिति निम्निलिखित अनुसार है तो सोमवार का व्रत करना चाहिए। आइये जानते हैं कि सोमवार और सावन सोमवार का व्रत किसे रखना चाहिए।

1- यदि कुंडली में चंद्र ग्रह शनि के साथ है तो यह विष योग माना जाता है। उपाय के साथ ही सावन सोमवार व्रत रखना चाहिए।

2-सावन सोमवार के दिन उन लोगों को उपवास रखना चाहिए जिनका स्वभाव ज्यादा उग्र है। इससे उनकी उग्रता में कमी होगी। यदि प्रकृति गर्म है तो भी यह उपवास रख सकते हैं।

3- यदि कुंडली में राहु और केतु के साथ भी यदि चंद्र स्थिति है तो उपाय के साथ ही सावन सोमवार व्रत रखना चाहिए।

4- यदि चंद्र छठे, सातवें और आठवें भाव में हो तो भी उपाय के साथ ही सावन सोमवार व्रत रखना चाहिए।

5- किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी है या लगातार तनाव बना रहता है तो चंद्र के उपाय करके सावन सोमवार का व्रत भी करना चाहिए।
6- माता किसी भी प्रकार से हर वक्त बीमार रहती है तो भी उनके लिए सावन सोमवार का व्रत रखना चाहिए।

7-चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। यदि नीच का हो या अष्टम में हो तो उपाय के साथ ही सावन सोमवार सोमवार का व्रत रखें।

8- यदि आपकी राशि कर्क है तो भी आप सावन सोमवार का व्रत रखें।

उपाय -प्रतिदिन माता के पैर छूना। शिव की भक्ति। सावन सोमवार का व्रत। पानी या दूध को साफ पात्र में सिरहाने रखकर सोएं और सुबह कीकर के वृक्ष की जड़ में डाल दें। चावल, सफेद वस्त्र, शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, चीनी, बेल, दही और मोती दान करना चाहिए।

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