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एम्स निदेशक ने कहा- सावधानी हटी तो कोरोना की तीसरी लहर होगी दूसरी से खतरनाक

नई दिल्ली,नवसत्ता : कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी दे रहे हैं। इसी क्रम में एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा अगर सावधानी नहीं बरती गई तो कोरोना की तीसरी लहर दूसरी से भी खतरनाक हो सकती है। माना जा रहा है कि चार जुलाई से ही संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है।
वहीं कोरोना की दूसरी लहर लगभग खत्म हो गई है। लेकिन तीसरी लहर आखिर कब तक आएगी इसको लेकर देश में कई तरह की स्टडी की जा रही हैं। इसी बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर लॉकडाउन में पूरी छूट दी जाती है और कोरोना का वेरिएंट एंटीबॉडीज को चकमा देता है तो कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है और ये दूसरी लहर से भी बड़ी होगी।

एक कार्यक्रम के दौरान रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन, मास्क पहनना और टीका लेने जैसे कोविड से जुड़े नियमों का पालन कर तीसरी लहर की गंभीरता को घटाया जा सकता है। गुलेरिया ने कहा, ‘आईआईटी के एक इसी तरह के मॉडल से ये प्रदर्शित होता है कि अगर सारी पाबंदियां हटा दी जाती हैं और यदि वायरस का वेरिएंट भी एंटीबॉडी को चकमा देने वाला हो, तो अगली लहर दूसरी लहर से कहीं अधिक बड़ी हो सकती है। हालांकि ‘यदि कुछ पाबंदियां बनाए रखी जाती हैं और वायरस भी स्थिर रहता है तो मामले ज्यादा नहीं होंगे और यदि हम अधिक पाबंदियां लगाएंगे तो मामले और भी कम होंगे। गुलेरिया ने कहा कि यदि नए स्वरूप उभरते भी हैं तो मौजूदा टीकों में कुछ बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर अन्य देशों में देखी जा रही है, लेकिन मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या घटी है, जिससे संकेत मिलता है कि टीके काम कर रहे हैं।

हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति रहे एक वरिष्ठ भौतिकशास्त्री ने भारत में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार का विस्तार से विश्लेषण किया है। जिसके मुताबिक संभवत: चार जुलाई से ही संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है।
बता दें कि देश में पिछले 463 दिन में संक्रमण के मामलों और उससे मौतों की संख्या के आंकड़ों का अध्ययन करने का एक विशेष तरीका विकसित करने वाले डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने कहा कि चार जुलाई की तारीख, इस साल फरवरी के पहले सप्ताह जैसी लगती है जब दूसरी लहर शुरू हुई थी।

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