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कोरोना महामारी के अंत के लिए जप और यज्ञ कर रहा गायत्री परिवार

20 जून को गायत्री जयंती के मौके पर होगी पूर्णाहुति

लखनऊ, नवसत्ता : आध्यात्मिक तरीके से वैश्विक महामारी कोरोना के समूल नाश के लिए गायत्री परिवार से जुड़े साधकों ने आज से नौ दिवसीय गायत्री मंत्र का जाप प्रारम्भ कर दिया है। इसकी पूर्णाहुति गायत्री जयंती के मौके पर 20 जून को होगी।
गायत्री परिवार के मुख्य मीडिया प्रभारी उमानंद शर्मा ने बताया कि गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रमुख डा0 प्रणव पण्ड्या, डा चिन्मय पण्ड्या, शैलबाला पण्ड्या, शैफाली पण्ड्या के आह्वान पर पूरे विश्व में वैश्विक महामारी कोरोना से रक्षा, विश्व में सुख शांति समृद्धि के लिए यह एक अध्यात्मिक प्रयोग है। जब मानव पीड़ा पतन के कष्टों से घिर जाता है तो तीनों लोकों के स्वामी इसी प्रकार प्रार्थना की जाती है इससे पूर्व भी समय-समय पर ऐसे प्रयोग हुए हैं। इस प्रार्थना में मानव जाति, पीड़ा-पतन एवं कष्टों बचे, श्रेष्ठ कार्य करें, सन्मार्ग में चले, त्याग परमार्थ के जीवन को अपनाये, भोग-विलास, अनीति-अधर्म, पाप से बचे, ऐसा आत्मबल जनमानस को मिले इसलिए ऐसा अध्यात्मिक प्रयोग किया जाता है देश की आजादी के समय महर्षि अरविन्द जी ने भी राष्ट्र के लिए कुण्डलनी जागरण का आध्यात्मिक प्रयोग कराया था।
श्री शर्मा ने बताया गायत्री शक्तिपीठ, प्रज्ञा मण्डल, महिला मण्डल, युवा मण्डल, प्रबुद्ध वर्ग, सभी संस्थानों के ट्रस्ट के सदस्य, गायत्री परिवार के वरिष्ठ सक्रिय सदस्य अपने-अपने घरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनिवार्य रूप से पालन करते हुए गायत्री जप एवं यज्ञ सम्पन्न करेंगे।
श्री शर्मा ने बताया यज्ञ में गायत्री मंत्र से मानव समाज के आत्मबल की उन्नति के लिये, महामृत्युंजय मंत्र से विश्व कल्याण एवं कोविड से पीडि़त के स्वास्थ्य लाभ, रूद्रगायत्री मंत्र से कोविड जैसी महामारी के अनिष्ठनिवारण, नव ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त करने प्रतिकूलता प्राप्त करने, पूर्वजों की आत्मोन्नति उनके आशीर्वाद एवं विश्व में करोना से मृतक लाखों लोगों की आत्मोन्नति के लिए, पूरे विश्व को सूर्य की कृपा प्राप्त हो इस भाव से सूर्यगायत्री मंत्र से, यज्ञ में आहूतियां प्रदान की जायेंगी एवं ऋषि सत्ता का आशीर्वाद प्राप्त हो इसके लिए विशेष आहूतियां दी जायेंगीं।
श्री शर्मा बताया गायत्री जयंती गायत्री परिवार का महत्त्वपूर्ण पर्व है इस दिन को युग पं. श्रीराम शर्मा ने अपना अध्यात्मिक जन्मदिन भी माना है। ऋषि ने अपने जीवन काल में नया कार्य गायत्री जयंती दिन से शुभारम्भ किये।

Posted By : Ruchi Mishra

 

 

 

 

 

 

 

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