मंजूरी न मिलने के बावजूद कोरोनिल को कारोना की दवा बता प्रचार कर रहे हैं रामदेव
लखनऊ,नवसत्ता : सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने योग गुरू रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। वीडियो में रामदेव एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बोलते हुए यहां तक कहते नजर आ रहे हैं कि आज ऐलोपैथिक दवायें खाकर लाखों लोग मर रहे हैं। जिसके बाद संस्थान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि कोरोना वायरस काल में बाबा रामदेव के खिलाफ फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने (एफओआरडीए) ने भी कोविड के इलाज संबंधी टिप्पणी को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा जे ए जयलाल व महासचिव डा जयेश एम लेले ने आज नई दिल्ली में जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया कि या तो वह वीडियो में लगाए गए आरोपों को स्वीकार कर देश की आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को भंग करें या फिर रामदेव के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मुकदमा चलाएं। अपने बयान में आईएमए ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है।
बता दें कि वायरल हुए वीडियो में रामदेव ने कहा था कि ’मॉडर्न एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दीवालिया साइंस है जिसकी दवा खाकर लाखों लोग मर रहे हैं। आईएमए ने यह भी कहा कि योगगुरु होने के अलावा रामदेव एक फार्मास्युटिकल यूनिट के कॉर्पोरेट दिग्गज हैं। वह जनता को गुमराह करने के लिए अपनी कंपनी उत्पादों के बारे में कई बार झूठ बोलते देखे गए हैं। आपको बता दें कि आईसीएमआर ने अभी तक रामदेव की पतंजलि द्वारा बनाई कई कोरोनिल को कोरोना की दवाई के रूप में मान्यता नहीं दी है। बावजूद इसके योग गुरू रामदेव नेशलन टीवी पर धड़ल्ले से कोरोनिल का प्रचार कर रहे हैं और उसे कोरोना वायरस के खिलाफ रामबाण बता रहे हैं। बता दें कि रामदेव व उनके शिष्य बालकृष्ण का विवादों से पुराना नाता रहा है। योग सिखाते-सिखाते करोड़ों की दवायें और अन्य उत्पाद बेच रहे रामदेव पर पहले भी कई आरोप लगते रहे हैं परन्तु सत्ता की निकटता का लाभ उठाकर उनपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।