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निगेटिव होते ही, ऐक्टिव हुए डाक्टर सीएल रस्तोगी

सर्जीकल वार्ड से लेकर कोविड संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड तक में दे रहे हैं सेवाएं
के सी पाठक
सुलतानपुर, नवसत्ता :  वैश्विक महामारी कोविड 19 के मौजूदा दौर में धरती के भगवान कहे जाने वाले “डाक्टरों” की भूमिका पर कही सवाल खड़े किए जा रहे हैं, तो कहीं उनकी ख़ैरियत के लिए दुवाओं को हांथ खडे़ हो रहे हैं। बीते कोरोना काल में जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ आर्थो सर्जन डा. सीएल रस्तोगी कोरोना संक्रमण से इतनी गंभीर अवस्था में हो गए थे, की महीने भर सुलतानपुर से लेकर लखनऊ तक इलाज चला, इस बार पुनः डा. रस्तोगी पत्नी सहित कोरोना संक्रमण से ग्रसित रहे, हाल ही में कोरोना संक्रमण से निजात पाए डा. रस्तोगी पुनः अपनी सेवाएं जिला अस्पताल के सर्जीकल वार्ड से संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड तक में दें रहे हैं। डा. साहब की माने तो कोरोना वायरस के लिए जिला अस्पताल में ७५ बेड का संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों का ही उपचार किया जा रहा है, अस्पताल प्रशासन का प्रयास रहता है कि अतिशीघ्र मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके, जिससे उन्हें डिस्चार्ज करने के पश्चात आने वाले दूसरे मरीजों के लिए बेड, आक्सीजन तथा उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डा. रस्तोगी ने मरीज और उनके परिजनों से अपील करते हुए कहाकि इलाज में लगे डाक्टर, स्टाफ नर्स, वार्डब्वाय तथा सफाई कर्मियों से अभद्रता न करे, साथ ही कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करें।

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